पाकिस्‍तान में मिला कोरोना वायरस के अत्यधिक संक्रामक बी.1.617 वैरिएंट, मचा हड़कंप,

पाकिस्‍तान के शीर्ष स्वास्थ्य संस्थान (National Institute of Health NIH) ने कहा है कि यात्रियों पर प्रतिबंध के बावजूद भारत में पहली बार पहचाने जाने वाले कोरोना वायरस के अत्यधिक संक्रामक बी.1.617 वैरिएंट का पहला मामला देश में पाया गया है।

 

इस्‍लामाबाद, पीटीआइ। पाकिस्‍तान के शीर्ष स्वास्थ्य संस्थान ने कहा है कि यात्रियों पर प्रतिबंध के बावजूद भारत में पहली बार पहचाने जाने वाले कोरोना वायरस के अत्यधिक संक्रामक बी.1.617 वैरिएंट का पहला मामला देश में पाया गया है। पाकिस्‍तानी अखबार ‘द एक्सप्रेस ट्रिब्यून’ ने शुक्रवार को अपनी रिपोर्ट में बताया कि नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ हेल्थ (National Institute of Health, NIH) ने शुक्रवार को मई के पहले तीन हफ्तों के दौरान जमा किए गए कोविड-19 के नमूनों के जीनोम अनुक्रमण के परिणामों को साझा किया।

एनआईएच ने अपने आधिकारिक बयान में कहा कि यह देश में पहला मामला है। अनुक्रमण नतीजों में B.1.351 (दक्षिण अफ्रीकी वैरिएंट) के सात मामलों और B.1.617.2 (पहले भारत में पहचाने गए) एक मामले की पुष्टि की है। रिपोर्ट में कहा गया है कि प्रोटोकॉल के मुताबिक फील्ड एपिडेमियोलॉजी एंड डिजीज सर्विलांस डिवीजन और जिला स्वास्थ्य कार्यालय (डीएचओ) इस्लामाबाद की ओर से सभी मामलों की संपर्क ट्रेसिंग की जा रही है। एनआईएच ने कोविड वैरिएंट की पहचान और मास्क के इस्‍तेमाल के साथ ही टीकाकरण की जरूरत पर जोर दिया है।

मालूम हो कि इस साल की शुरुआत में भारत में कोरोना का नया वैरिएंट के प्रकोप के बाद पाकिस्तान ने अप्रैल में पड़ोसी देश से हवाई, समुद्री और जमीनी मार्गों से आने वाले यात्रियों पर प्रतिबंध लगा दिया था। हालांकि इन प्रतिबंधों के बावजूद मई में पाकिस्तान का दौरा करने वाले थाई यात्रियों में नए वैरिएंट का पता चला था। थाईलैंड के स्वास्थ्य अधिकारियों ने पहली बार एक थाई महिला और उसके चार साल के बेटे में पहचाने गए बेहद संक्रामक वैरिएंट के पहले मामले की पुष्टि की थी।

हाल ही में विश्व स्वास्थ्य संगठन (World Health Organization, WHO) ने कहा था कि दुनिया के दर्जनों देशों में कोरोना वायरस का बी.1.617 वैरिएंट पाया गया है। वहीं कोरोना के लिहाज से यूरोप गर्मी के सीजन में सामान्य स्थिति की ओर बढ़ रहा है। यह ऐसी स्थिति है जिसके बारे में कुछ हफ्ते पहले तक सोचा भी नहीं जा सकता था। समाचार एजेंसी पीटीआइ के मुताबिक यूरोप का एक भी देश प्रति 100,000 की आबादी पर संक्रमण के नए मामलों के लिहाज से फिलहाल दुनिया के शीर्ष 10 देशों में शामिल नहीं है।

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