पाक एनएसए और आइएसआइ प्रमुख अफगान मुद्दे को लेकर अगले सप्ताह जा सकते हैं अमेरिका, अपने समकक्ष से करेंगे बातचीत

तालिबान के साथ एक समझौते के तहत अमेरिका और उसके नाटो सहयोगियों ने आतंकवादियों द्वारा एक प्रतिबद्धता के बदले में सभी सैनिकों को वापस लेने पर सहमति व्यक्त की कि वे चरमपंथी समूहों को अपने नियंत्रण वाले क्षेत्रों में काम करने से रोकेंगे।

 

इस्लामाबाद, पीटीआइ। अफगानिस्तान में बिगड़ते हालातों के बीच पाकिस्तान के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार मोईद युसूफ और आइएसआइ प्रमुख लेफ्टिनेंट जनरल फैज हमीद जल्द ही अमेरिका की यात्रा कर सकते हैं।  अफगानिस्तान की स्थिति पर पाक के एनएसए और आइएसआइ प्रमुख का अमेरिकी समकक्षों के साथ बातचीत करने की संभावना है। एक मीडिया रिपोर्ट के अनुसार युद्धग्रस्त देश यानी अफगानिस्तान में सत्ता का हस्तांतरण मुद्दे को लेकर पाक के ये दो शीर्ष अधिकारी अमेरिका जा सकते हैं।

पाकिस्तान के डॉन अखबार ने राजनयिक स्रोतों के हवाले से बताया कि अमेरिकी विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन की नई दिल्ली और काबुल की यात्राओं में अफगान संकट के लिए एक क्षेत्रीय प्रतिक्रिया तैयार करने के उद्देश्य से किए गए प्रयासों में शामिल हैं।

इसमें कहा गया है कि यूसुफ और इंटर-सर्विसेज इंटेलिजेंस (आइएसआइ) के महानिदेशक लेफ्टिनेंट जनरल हमीद की यात्रा इन राजनयिक प्रयासों का हिस्सा हैं।

राजनयिक सूत्रों ने शुक्रवार को अखबार को बताया कि अफगानिस्तान में सत्ता का शांतिपूर्ण हस्तांतरण सुनिश्चित करने के उद्देश्य से एक नए अमेरिकी राजनयिक हमले में पाकिस्तान की महत्वपूर्ण भूमिका है।

तालिबान के साथ एक समझौते के तहत अमेरिका और उसके नाटो सहयोगियों ने आतंकवादियों द्वारा एक प्रतिबद्धता के बदले में सभी सैनिकों को वापस लेने पर सहमति व्यक्त की कि वे चरमपंथी समूहों को अपने नियंत्रण वाले क्षेत्रों में काम करने से रोकेंगे।

बता दें कि यूएस सेंट्रल कमांड, जो अफगानिस्तान के प्रभारी हैं ने हाल ही में कहा था कि अफगान से अमेरिकी सैनिकों की वापसी 95 फीसद से अधिक हो चुकी है। वहीं, राष्ट्रपति जो बाइडन ने कहा भी कहा था कि सैनिकों की वापसी अगस्त के अंत तक पूरी हो जाएगी।

वाशिंगटन में हाल ही में एक ब्रीफिंग में अमेरिकी विदेश विभाग के प्रवक्ता नेड प्राइस ने कहा था कि बाइडन प्रशासन को उम्मीद है कि अफगानिस्तान के पड़ोसियों को अफगान संघर्ष के लिए एक उचित और टिकाऊ समाधान लाने में एक रचनात्मक और जिम्मेदार भूमिका निभानी होगी।

प्राइस ने शांति प्रक्रिया में पाकिस्तान की भूमिका को भी रेखांकित करते हुए कहा कि हम उस महत्वपूर्ण भूमिका को समझते हैं जो पाकिस्तान की इसमें खेलने की क्षमता है।

गौरतलब है कि युसूफ और उनके अमेरिकी समकक्ष जेक सुलिवन के बीच यह दूसरी मुलाकात होगी, जो इस साल मार्च में जिनेवा में पहली बार मिले थे।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *