रूस और यूक्रेन के बीच छिड़े युद्ध का शनिवार को 10वां दिन हैं। यूक्रेन में काफी संख्या में भारतीय छात्र फंसे हुए हैं। भारत सरकार इन छात्रों को निकालने के लिए आपरेशन गंगा के तहत स्वदेश वापसी अभियान चला रही है।
नई दिल्ली । यूक्रेन पर हमले के बीच आपरेशन गंगा के तहत भारत तेजी से अपने छात्रों की स्वदेश वापसी अभियान में लगा हुआ है। इस बीच, केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने कहा है कि रोमानिया और मोल्दोवा से पिछले सात दिनों में 6,222 भारतीयों को निकाला गया है। छात्रों को बुखारेस्ट (सीमा से 500 किलोमीटर) के बजाय सुसेवा (सीमा से 50 किलोमीटर) में उड़ाने संचालित करने के लिए लाया लगा है। साथ ही उन्होंने कहा कि अगले दो दिनों में 1,050 छात्रों को निकाला जाएगा।
वहीं, दूसरी ओर पूर्वोत्तर यूक्रेन के सूमी (Sumy) में फंसे भारतीय छात्रों की वीडियो अपील के बाद युद्धग्रस्त देश में भारतीय दूतावास ने आज कहा कि वह उन्हें सुरक्षित निकालने के लिए सभी संभव प्रयास किए जा रहे हैं। सुबह एक ट्वीट में दूतावास ने कहा कि उसने अंतरराष्ट्रीय मानवीय संगठन रेड क्रास सहित सभी वार्ताकारों के साथ निकासी और निकास मार्गों की पहचान पर चर्चा की है।
सूमी में 700 और खार्किव में 300 छात्र हैं फंसे
बता दें कि भारत ने शुक्रवार को रूसी और यूक्रेनी सैनिकों द्वारा खार्किव और सूमी के संघर्ष क्षेत्रों से अपने नागरिकों को निकालने के लिए संघर्ष विराम की मांग की थी। कम से कम 1,000 भारतीय छात्र (सूमी में 700 और खार्किव में 300) अभी भी पूर्वी यूक्रेन में संघर्ष क्षेत्रों में फंसे हुए हैं। सरकार ने शुक्रवार को कहा कि उन्हें निकालने के लिए बसों की व्यवस्था करना अभी सबसे बड़ी चुनौती साबित हो रही है।
गौरतलब है कि सूमी स्टेट यूनिवर्सिटी में भारतीय छात्रों के समूह ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी से भावनात्मक रूप से अपनी जान बचाने की अपील की थी। उनका दावा है कि उनके विश्वविद्यालय परिसर के पास बम गिराए जा रहे हैं और वे नियमित रूप से गोलियों और हवाई हमलों की आवाज सुन सकते हैं।