पीएम मोदी कल लॉन्च करेंगे ‘जन समर्थ’, एक कॉमन प्लेटफॉर्म पर मिलेंगी बैंक लोन जैसी कई सुविधाएं

पीएम मोदी कल यानी कि 6 जून को जन समर्थ पोर्टल लॉन्च करेंगे। इस कॉमन प्लेटफॉर्म से लोगों को बैंक लोन और कई सरकारी योजनाओं की जानकारी मिलेगी जिससे लोग घर बैठे कई प्रकार की योजनाओं का लाभ उठा सकेंगे।

 

नई दिल्ली, आईएएनएस/बिजनेस डेस्क। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 6 जून को जन समर्थ पोर्टल लॉन्च करने वाले हैं। प्रधानमंत्री कार्यालय ने बताया कि जन समर्थ पोर्टल से सभी प्रकार की क्रेडिट आधारित सरकारी योजनाएं लिंक्ड रहेंगी। यह लाभार्थियों और क्रेडिटदाताओं को सीधे जोड़ने वाला भारत का पहला प्लेटफॉर्म होगा। यह पोर्टल विभिन्न सेक्टरों के समावेशी विकास और प्रगति को बढ़ावा देगा।

पीएम जारी करेंगे कई खास सिक्के

आपको बता दें कि पोर्टल लॉन्च के अलावा प्रधानमंत्री एक डिजिटल प्रदर्शनी का भी शुभारंभ करेंगे, जिसमें दोनों मंत्रालयों के पिछले आठ साल की यात्रा के बारे में बताया जाएगा। इसके अलावा पीएम एक रुपये, दो रुपये, पांच रुपये, 10 रुपये और 20 रुपये की खास सिक्के भी जारी करेंगे। इन सिक्कों पर आजादी का अमृत महोत्सव का लोगो होगा।

 

धीरे-धीरे होगा पोर्टल का विस्तार 

दरअसल, आम आदमी के जीवन को आसान बनाने के लिए सरकार विभिन्न मंत्रालयों और विभागों द्वारा चलाई जा रही कई योजनाओं के डिस्ट्रीब्यूशन के लिए एक कॉमन पोर्टल ‘जन समर्थ’ शुरू करने की योजना बनाई है। सूत्रों ने बताया कि नरेंद्र मोदी सरकार ‘न्यूनतम सरकार अधिकतम शासन’ के दृष्टिकोण से नया पोर्टल शुरू करने की योजना बना रही है, जिसमें 15 क्रेडिट-लिंक्ड सरकारी योजनाओं को शामिल करने की योजना बन रही है। केंद्र की कुछ योजनाओं में कई एजेंसियों की भागीदारी होती है, इसलिए धीरे-धीरे इसका विस्तार किया जाएगा।

प्लेटफॉर्म पर मिलेंगी ये सुविधाएं

उदाहरण के लिए प्रधानमंत्री आवास योजना और क्रेडिट लिंक्ड कैपिटल सब्सिडी योजना (CLCSS) जैसी योजनाओं का संचालन विभिन्न मंत्रालयों द्वारा किया जा रहा है। प्रस्तावित पोर्टल इन योजनाओं को एक मंच पर लाने का प्लान कर रही है, जिससे लाभार्थी बिना किसी परेशानी के उन तक पहुंच बनाई जा सकें। अभी तक इसका पायलट परीक्षण किया जा रहा था, जिसे अब पीएम 6 जून को लॉन्च करने वाले हैं। सूत्रों की माने तो भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई) समेत अन्य लोनदाता भी इस पोर्टल पर मिस सकते हैं। पोर्टल में ओपन आर्किटेक्चर होगा, जिससे राज्य सरकारें और अन्य संस्थान भी भविष्य में इस प्लेटफॉर्म पर अपनी योजनाओं को शामिल कर सकेंगे।

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