पीएम मोदी ने एशिया की सबसे बड़ी हेलीकॉप्टर फैक्ट्री को किया देश को समर्पित, 615 एकड़ में फैला है कारखाना

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कर्नाटक की अपनी यात्रा के दौरान सोमवार को तुमकुरु में हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड (HAL) के हेलीकॉप्टर कारखाने को देश को समर्पित किया। पीएम मोदी ने इस दौरान तुमकुरु में लाइट यूटिलिटी हेलीकॉप्टर का भी अनावरण किया। फोटो- एएनआई।

 

बेंगलुरु, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कर्नाटक की अपनी यात्रा के दौरान सोमवार को तुमकुरु में हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड (HAL) के हेलीकॉप्टर कारखाने को देश को समर्पित किया। पीएम मोदी ने इस दौरान तुमकुरु में ही लाइट यूटिलिटी हेलीकॉप्टर का भी अनावरण किया। इस मौके पर रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह और सीएम बसवराज बोम्मई मौजूद रहे।

विश्व के लिए डिफेंस मैन्युफैक्चरिंग का केंद्र होगी भारत भूमी- रक्षा मंत्री इस दौरान रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि आने वाले समय में भारत भूमि विश्व के लिए डिफेंस मैन्युफैक्चरिंग का केंद्र होगी। इसकी शुरूआत हो चुकी है, आज का ये समारोह इसका एक बड़ा प्रमाण है। ये रक्षा क्षेत्र में भारत की आत्म निर्भरता की यात्रा में एक मील का पत्थर है। उन्होंने इस दौरान कहा कि कर्नाटक का मतलब विकास, शांति और समृद्धि और भारत का भविष्य है।

 

शुरू में होगा लाइट यूटिलिटी हेलीकॉप्टर का उत्पादन615 एकड़ में फैली ग्रीनफील्ड हेलीकॉप्टर फैक्ट्री भारत की सबसे बड़ी हेलीकॉप्टर निर्माण सुविधा है। रक्षा मंत्रालय ने शनिवार को कहा था कि शुरू में यह कारखाना प्रति वर्ष करीब 30 हेलीकॉप्टरों का उत्पादन करेगा। हालांकि बाद चरणबद्ध तरीके से इसके उत्पादन को 60 और फिर 90 प्रति वर्ष तक बढ़ाया जा सकता है। ग्रीनफील्ड हेलीकॉप्टर फैक्ट्री एशिया की सबसे बड़ी हेलीकॉप्टर निर्माण सुविधा है, जो शुरुआती दिनों में लाइट यूटिलिटी हेलीकॉप्टर (LUH) का उत्पादन करेगी। मालूम हो कि एलयूएच स्वदेशी रूप से डिजाइन और विकसित 3-टन क्लास, सिंगल-इंजन मल्टीपरपज यूटिलिटी हेलीकॉप्टर है।

LCH और IMRH का होगा निर्माणलाइट कॉम्बैट हेलीकॉप्टर (LCH) और इंडियन मल्टीरोल हेलीकॉप्टर (IMRH) के निर्माण के साथ-साथ भविष्य में LCH, LUH, सिविल ALH और IMRH की मरम्मत जैसे कार्यों से इस कारखाने का विस्तार किया जा सकता है। रक्षा मंत्रालय द्वारा जारी एक विज्ञप्ति में कहा गया है कि भविष्य में इस फैक्ट्री से सिविल एलयूएच के संभावित निर्यात की भी आपूर्ती की जाएगी। यह सुविधा भारत को हेलीकॉप्टरों की अपनी संपूर्ण आवश्यकता को स्वदेशी रूप से पूरा करने में सक्षम बनाएगी और भारत में हेलीकॉप्टर डिजाइन, विकास और निर्माण में आत्मनिर्भरता का गौरव प्राप्त करेगी।

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