पीएम मोदी ने कहा, भारत-EU रिश्तों, इंडो-पैसिफिक और यूक्रेन सहित कई क्षेत्रीय तथा वैश्विक मुद्दों पर बातचीत की

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि 200 से अधिक डेनिश कंपनियां भारत में विभिन्न क्षेत्रों में काम कर रही हैं जैसे पवन ऊर्जा शिपिंग कंसल्टेंसी इंजीनियरिंग आदि। इन्हें भारत में बढ़ते ईज ऑफ डूइंग बिजनेस और हमारे व्यापक आर्थिक सुधारों का लाभ मिल रहा है।

 

कोपेनहेगन,  डेनमार्क की यात्रा के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि हमारे दोनों देश लोकतंत्र, अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता, और कानून के शासन जैसे मूल्यों को तो साझा करते ही हैं; साथ में हम दोनों की कई complementary strengths भी हैं। 200 से अधिक डेनिश कंपनियां भारत में विभिन्न क्षेत्रों में काम कर रही हैं जैसे पवन ऊर्जा, शिपिंग, कंसल्टेंसी, इंजीनियरिंग आदि। इन्हें भारत में बढ़ते ईज ऑफ डूइंग बिजनेस और हमारे व्यापक आर्थिक सुधारों का लाभ मिल रहा है।

भारत के इन्फ्रास्ट्रक्चर सेक्टर और ग्रीन इंडस्ट्रीज में डेनिश कम्पनीज और डेनिश पेंशन फंड के लिए निवेश के बहुत अवसर हैं। आपके खूबसूरत देश में मेरी ये पहली यात्रा है और अक्टूबर में मुझे आपका स्वागत करने का मौका मिला। इन दोनों यात्राओं से हमारे संबंधों में निकटता आई है। हमारे दोनों देश लोकतंत्र और कानून के शासन जैसे मूल्यों को तो साझा करते ही हैं, साथ में हम दोनों की कई पूरक ताकत भी हैं।

 

हमने एक फ्री, ओपन, समावेशी और नियम आधारित इंडो-पैसिफ़िक क्षेत्र को सुनिश्चित करने पर ज़ोर दिया। उन्‍होंने कहा कि हमने यूक्रेन में तत्काल युद्धविराम और समस्या के समाधान के लिए बातचीत और कूटनीति का रास्ता अपनाने की अपील की। आज हमने भारत-EU रिश्तों, इंडो-पैसिफिक और यूक्रेन सहित कई क्षेत्रीय तथा वैश्विक मुद्दों पर भी बातचीत की। हम आशा करते हैं कि भारत-यूरोपीय संघ मुक्त व्यापार समझौता पर नेगोशिएशन यथाशीघ्र संपन्न होंगे। मुझे विश्वास है कि आपके नेतृत्व में भारत और डेनमार्क के संबंध नई ऊंचाई को प्राप्त करेंगे।

 

डेनमार्क की प्रधानमंत्री मेटे फ्रेडरिक्सन ने कहा कि डेनमार्क और भारत अपनी हरित सामरिक साझेदारी को कुछ ठोस परिणामों में बदलने की दिशा में तेजी से आगे बढ़ रहा है। भारत सरकार का हरित बदलाव और भारत की जीवाश्म ईंधन पर निर्भरता बढ़ाने को लेकर महत्वाकांक्षाएं काफी ज़्यादा हैं। हमने कई मूल्यों को साझा किया। हम दो लोकतांत्रिक राष्ट्र हैं और हम दोनों एक नियम से चलने वाले अंतरराष्ट्रीय व्यवस्था में विश्वास करते हैं। ऐसे समय में हमें अपने बीच के संबंधों को और भी मजबूत करने की जरूरत है। हमने यूक्रेन संकट पर भी चर्चा की।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *