लखनऊ,,, अनिल मेहता” उ०प्र० के मुख्यमन्त्री द्वारा घोषणा की गई है कि कोविड की लड़ाई मे जुटे स्वास्थ्य विभाग के सभी फ्रंट लाइन वर्कर्स को 25℅ अतिरिक्त कोरोना सेवा भत्ता दिया जयेगा उ०प्र० के मुख्यमंत्री की यह घोषणा निश्चित रूप से स्वागत योग्य है ! परन्तु यह बहुत ही आश्चर्य का विषय है कि कोरोना की लड़ाई में विशेष भूमिका निभाने वाले पुलिसकर्मियों को उ०प्र० के मुख्यमंत्री जी भूल गये भीषण गर्मी में रात -रात भर जाग कर, भूख, प्यास,विश्राम छोड़ कर बिना थके,
कोरोना लॉक डाउन का पालन करवा रहे पुलिसकर्मियों को नजरअन्दाज नहीं किया जा सकता मास्क चेक करते समय पुलिसकर्मी कितना अपमान झेलता है एक पुलिसकर्मी का दिल ही जानता है! इसलिये कोरोना की लड़ाई में पुलिसकर्मियों की भूमिका को नाकारा नहीं जा सकता,लॉक डाउन का पालन करवाते समय पुलिसकर्मी का पाला कैसे-कैसे लोगों से पड़ता है, एक पुलिसकर्मी ही बता सकता है ! कोरोना की लड़ाई में पुलिस एक मुख्य भूमिका में है ! इसको देखते हुये उ०प्र० के माननीय मुख्यमंत्री जी को पुलिसकर्मियों को भी कोरोना पीरियड में पुलिसकर्मियों के लिये भी अतिरिक्त मानदेय की घोषणा करना अति आवश्यक है ! ये पुलिसकर्मी ही हैं जो किसी कोरोना पीड़ित के यहाँ खाना पहुँचा रहे हैं किसी कोरोना पीडित के यहाँ अॉक्सीजन सिलेंडर पहुँचा रहे हैं,कोरोना से पीड़ित मृत व्यक्ति के दाह संस्कार की व्यवस्था करवा रहे हैं! कोरोना की इस लड़ाई में पुलिस की विशेष भूमिका को पहचानना होगा