लखनऊ में पारा पुलिस की बर्बरता से आक्रोशित व्यापारियों ने बुद्धेश्वर चौराहे पर लगाया जाम और हंगामा किया। मामा के पकड़े जाने पर व्यवसायी चौकी पर गया था तभी पुलिस वालों ने बनाया बंधक शांतिभंग में किया चालान।
लखनऊ, पारा पुलिस ने गुरुवार रात प्रभातपुरम के रहने वाले व्यवसायी अरुण शुक्ला को मोहान रोड चौकी पर बंधक बना लिया और जमकर लाठियां, पट्टे बरसाए। पिटाई से व्यवसायी न तो बैठ पा रहा है और न ही ज्यादा देर खड़े होने की स्थिति में है। पीड़ित ने जब उच्चाधिकारियों से शिकायत करने के लिए कहा तो पुलिस ने अपनी साख बचाने के लिए शांति भंग में उसका चालान कर दिया। पीड़ित ने पुलिस पर 50 हजार रुपये मांगने का भी आरोप लगया है। घटना से आक्रोशित व्यापारियों ने जमकर हंगामा किया।
व्यवसायी अरुण शुक्ला के मुताबिक गुरुवार रात वह दुकान बंद कर घर जा रहे थे। इस बीच रास्ते में अपने मामा दिनेश शुक्ला के ठेले के पास खड़े होकर सब्जी खरीदने लगे। सड़क किनारे बाइक लगा दी। पारा थाने की अतिरिक्त निरीक्षक आरती सिंह पहुंची बाइक खड़ी देख गाली-गलौज की। अगले दिन आरती सिंह, मामा और पड़ोस में ठेला लगाने वाले एक अन्य व्यक्ति को लेकर दो पुलिस कर्मियों के साथ मोहान रोड चौकी लेकर पहुंची।
इतना पीटा की बैठने में हो रही दिक्कत अरुण के मुताबिक वह मामा और उनके पड़ोसी के पकड़े जाने की सूचना पर चौकी पहुंचे और अतिरिक्त निरीक्षक से दोनों के पकड़े जाने का कारण पूछा। इस पर अतिरिक्त निरीक्षक के इशारे पर दोनों पुलिस कर्मियों ने उन्हें भी पकड़ लिया। चौकी में बंधक बना कर लाठियां और पट्टे बरसाए। पिटाई से कमर के नीचे का हिस्सा लाल पड़ गया। खाल तक उधड़ गई। बैठने तक में दिक्कत होने लगी।
शिकायत करने के बात पर दी फंसाने की धमकी व्यवसायी ने उच्चाधिकारियों से शिकायत करने की बात कही। अतिरिक्त निरीक्षक ने उसे पारा थाने भेज दिया। वहां रात भर रखा। अगले दिन सुबह शांति भंग की कार्रवाई की। उच्चाधिकारियों से शिकायत करने और फर्जी मुकदमे में फंसाने की धमकी दी। इसके बाद 50 हजार रुपये की मांग करने लगे। शुक्रवार को घटना की जानकारी क्षेत्रीय व्यपारियों और बुद्धेश्वर विकास महासभा के प्रदेश अध्यक्ष राजेश शुक्ला को हुई। आक्रोशित व्यापारियों ने पुलिस पर बर्बरता का आरोप लगाकार पहले थाने पहुंचे। इसके बाद बुद्धेश्वर में जाम लगा दिया और अनिश्चित कालीन धरने पर बैठ गए।
पुलिस वालों के खिलाफ मुकदमा दर्ज करने की मांग प्रदर्शन कर रहे व्यापाररी रमेश कुमार, धीरपाल यादव, रामआधार यादव, राजकुमार रावत, संदीप, पुष्पेन्द्र शुक्ला व अन्य ने अतिरिक्त निरीक्षक आरती सिंह और दोनों पुलिस कर्मियों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर कार्रवाई की मांग की। बवाल की सूचना पर शाम को एडीसीपी दक्षिणी मनीष सिंह पहुंची। उन्होंने मामले में कार्रवाई का आश्वसन देकर शांत कराया। पूरे मामले की जांच के लिए कमेटी गठित की और दो दिन में रिपोर्ट के आधार पर कार्रवाई करने की बात कही। वहीं, पीड़ित का मेडिकल परीक्षण कराने के लिए उसे बलरामपुर अस्पताल भेज दिया।
गाड़ी हटाने के लिए कहा तो की थी अभद्रताडीसीपी दक्षिणी राहुल राज ने बताया कि मामले की जांच की जा रही है। जांच रिपोर्ट के आधार पर कार्रवाई की जाएगी। अतिरिक्त निरीक्षक आरती सिंह का कहना है कि वह रात घर जा रही थीं। रास्ते में अरुण शुक्ला ने अपनी बाइक लगा रखी थी। बाइक हटाने के लिए उन्होंने कहा तो अरुण, दिनेश और एक अन्य ने अभद्रता की। इस पर उन पर शांति भंग की कार्रवाई की गई थी।