पूरी दुनिया में कोरोना के कहर से चिंतित है विश्‍व स्‍वास्‍थ्‍य संगठन, डॉ. टैड्रॉस ने दी ये सलाह,

कोरोना के बढ़ते मामलों से विश्‍व स्‍वास्‍थ्‍य संगठन भी चिंतित है। संगठन के प्रमुख का कहना है कि इस बार संक्रमण की रफ्तार पहले से तेज है। उन देशों से भी मामले सामने आ रहे हैं जहां पिछली बार कम मामले थे।

 

जिनेवा (संयुक्‍त राष्‍ट्र)। पूरी दुनिया में कोरोना का प्रकोप पिछले वर्ष के मुकाबले अधिक तेजी से फैल रहा है। इसको लेकर पूरी दुनिया चिंतित है। विश्‍व स्‍वास्‍थ्‍य संगठन की भी इस पर पूरी नजर है। संगठन के प्रमुख टैड्रॉस एडहेनॉम घेबरेयेससने इन मामलों पर चिंता जताते हुए कहा है कि इस बार उन देशों में भी कोरोना के मामले सामने आ रहे हैं जहां पर पिछले वर्ष नहीं आए थे या बेहद कम थे। उन्‍होंने पत्रकार वार्ता के दौरान कहा कि पूरी दुनिया में संक्रमण के मामले और मरीजों की मौतों का सिलसिला बढ़ रहा है जो बेहद चिंता का विषय है। हर सप्‍ताह इस महामारी से संक्रमित होने वालों की संख्‍या दोगुन तेजी से बढ़ रही है। मौजूदा समय में संक्रमण की दर सबसे अधिक है।

यूएन एजेंसी प्रमुख के मुताबिक इस महामारी के बदलते स्‍वरूप पर लगातार नजर रखी जा रही है और आवश्‍यकता अनुसार सलाह भी दी जा रही है। पिछले दिनों अंतरराष्‍ट्रीय स्वास्थ्य नियामकों के तहत, आपात समिति की 7वीं बैठक भी आयोजित की गई थी। भारत में तेजी से बढ़ते कोरोना मामलों पर अपनी चिंता व्‍यक्‍त करते हुए डॉक्‍टर टैड्रॉस ने कहा कि भारत कोरोना वायरस प्रभावित देशों की सूची में एक बार फिर से दूसरे नंबर पर आ गया है। भारत में बेहद तेजी के साथ संक्रमण फैल रहा है। उन्‍होंने हालातों के मद्देनजर, दक्षिण-पूर्व एशिया में सभी स्वास्थ्य उपायों के पूरी तरह से इस्‍तेमाल करने की सलाह दी है जिससे संक्रमण से होने वाली मौतों के आंकड़ों को कम किया जा सके।

संयुक्‍त राष्‍ट्र की खबर के मुताबिक संगठन के क्षेत्रीय निदेशक डॉक्टर पूनम खेत्रपाल सिंह ने बुनियादी सार्वजनिक स्वास्थ्य उपायों का मजबूती से पालन करने पर जोर दिया है। उनका कहना है कि तेजी से बदलते वायरस के प्रकारों को समझने का प्रयास निरंतर जारी है और इसमें लगातार हो रहे बदलावों के लिए विभिन्‍न प्रणालियां भी स्‍थापित की गई हैं। उन्‍होंने आगाह किया है कि हम जितना इसके संक्रमण को लेकर लापरवाह होंगे उतना ही ये अधिक तेजी से फैलेगा। इसको रोकने के लिए ये बेहद जरूरी है कि नियमों का कड़ाई से पालन किया जाए। उन्‍होंने ये भी कहा कि कोई ये गलतफहमी में न रहे कि वैक्‍सीन इसको रोकने का एकमात्र उपाय नहीं है। इसके लिए दो गज की दूरी और मुंह पर मास्‍क रखना बेहद कारगर दवा है।

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