पाकिस्तान के पूर्व लेग स्पिनर दानिश कनेरिया को लगता है कि भारत ने न्यूजीलैंड के खिलाफ विश्व टेस्ट चैंपियनशिप (डब्ल्यूटीसी) फाइनल के लिए कलाई के स्पिनर का चयन नहीं करके गलती की है। उनका कहना है कि राहुल चाहर उनके आक्रमण में नए आयाम जोड़ सकते थे।
नई दिल्ली, प्रेट्र। पाकिस्तान के पूर्व लेग स्पिनर दानिश कनेरिया को लगता है कि भारत ने न्यूजीलैंड के खिलाफ विश्व टेस्ट चैंपियनशिप (डब्ल्यूटीसी) फाइनल के लिए कलाई के स्पिनर का चयन नहीं करके गलती की है। उनका कहना है कि राहुल चाहर उनके आक्रमण में नए आयाम जोड़ सकते थे। पिछले सप्ताह भारत ने न्यूजीलैंड के खिलाफ 18 जून से साउथैंप्टन में होने वाले डब्ल्यूटीसी फाइनल और चार अगस्त से इंग्लैंड के खिलाफ होने वाली पांच टेस्ट मैचों की सीरीज के लिए टीम घोषित की थी।
कनेरिया ने कहा, ‘भारत ने मजबूत टीम का चयन किया है। कुल मिलाकर उनकी टीम अच्छी है लेकिन ध्यान देने वाली बात यह है कि उन्होंने कलाई के स्पिनर का चयन नहीं किया है। उनके पास फिंगर स्पिनर हैं। रविचंद्रन अश्विन, वाशिंगटन सुंदर, अक्षर पटेल और रवींद्र जडेजा, लेकिन उनके पास कलाई के स्पिनर, दाएं हाथ का लेग स्पिनर नहीं है।’
इंग्लिश काउंटी टीम एसेक्स के लिए खेल चुके कनेरिया ने कहा कि इंग्लैंड में लेग ब्रेक गेंदबाजों के लिए स्थिति अनुकूल है। जब आप इंग्लैंड में खेलते हैं तो वहां काफी नमी होती है। मुझे यहां खेलने का बहुत अनुभव है। विभिन्न परिस्थितियों में आठ साल का काउंटी क्रिकेट खेला हूं। जब सीजन शुरू होता है और काउंटी मैच चल रहे होते हैं। विकेट पर धूप लगती है पर नमी बनी रहती है।
कनेरिया ने आगे कहा, ‘जहां गेंद सीम होती है, वहां एक लेग स्पिनर बहुत उपयोगी होता है और इसीलिए जब मैंने काउंटी क्रिकेट खेला तो मैं काफी सफल रहा। इसलिए, यह थोड़ा सा चिंता का विषय है कि टीम में कोई लेग स्पिनर नहीं है। फिंगर स्पिनर अंकुश लगा सकते हैं, लेकिन फिंगर स्पिनर और रिस्ट स्पिनर होने से टीम पर प्रभाव पड़ सकता है।
पाकिस्तान के लिए सबसे अधिक विकेट लेने वाले इस 40 साल के स्पिनर को लगता है कि चाहर भारतीय टीम में एक उपयोगी हो सकते थे। उन्होंने कहा कि राहुल चाहर उनका कद और जिस तरह से वह गेंद करते हैं, वह टीम में होने चाहिए थाे। न्यूजीलैंड के पास ईश सोढ़ी हैं, जो एक लंबा लेग स्पिनर हैं और विराट कोहली हमेशा एक लेग स्पिनर के खिलाफ संघर्ष करते हैं। यह हमने एडम ज़म्पा के साथ देखा था।