पैरोल पर छोड़े गए बंदियों की निगरानी नहीं, 16 कैदी वापस जेल लौटे ही नहीं

जेल प्रशासन ने इन बंदियों को पकड़कर जेल लाने के लिए पुलिस को पत्र भी लिखा। पत्र पहुंचने के बाद पुलिस ने कुछ दिन हाथ-पैर मारे फिर शांत होकर बैठ गई। जेल प्रशासन की ओर से रिमाइंडर पत्र भी भेजा गया लेकिन अब तक फरार बंदी पकड़े नहीं गए हैं।

 

कानपुर : जेल में बंदियों की संख्या ज्यादा होने के कारण शासन की ओर से समय-समय पर उन्हें पैरोल पर रिहा किया जाता है। पिछले वर्ष जिला जेल से 73 बंदियों को पैरोल पर छोड़ा गया था। इनमें से 57 बंदी ही वापस जेल पहुंचे, जबकि 16 फरार हैं। इनमें 12 बंदी शहर के हैं, जबकि दो बिहार, एक फतेहपुर और एक गोरखपुर का है।

जेल प्रशासन ने इन बंदियों को पकड़कर जेल लाने के लिए पुलिस को पत्र भी लिखा। पत्र पहुंचने के बाद पुलिस ने कुछ दिन हाथ-पैर मारे, फिर शांत होकर बैठ गई। जेल प्रशासन की ओर से रिमाइंडर पत्र भी भेजा गया है, लेकिन अब तक फरार बंदी पकड़े नहीं गए हैं।

दोबारा नहीं मिल सकेगी पैरोलजेल अधीक्षक डा. बीडी पांडेय ने बताया कि पैरोल पर जब बंदी छूटता है और तय समय पर वापस नहीं आता तो सबसे पहले उसके खिलाफ केस दर्ज किया जाता है।

जेल प्रशासन की कार्रवाई के तहत इन बंदियों को ब्लैक लिस्टेड कर दिया जाता है। फरार बंदियों को दोबारा पैरोल नहीं दी जाएगी। पैरोल पर फरार चल रहे बंदियों की गिरफ्तारी के लिए सभी थाना प्रभारियों को निर्देश दिए हैं। जल्द ही सभी को गिरफ्तार कर जेल भेजा जाएगा।- बीपी जोगदण्ड, पुलिस आयुक्त

 

दो हजार करोड़ की ठगी का आरोपित 20 महीने से फरारदो महीने की पैरोल पर 20 महीने पहले छोड़ा गया बेंगलुरू का सैय्यद खीजर हुसैन दो हजार करोड़ की ठगी के मामले में आरोपित है। जेल प्रशासन ने उसे पैरोल पर छोड़ा था, लेकिन अब तक वह वापस नहीं लौटा है। उसके स्वजन अभी भी जेल में बंद हैं।

जितने दिन फरार रहेंगे, उतने दिन सजा में जुड़ेंगेफरार घोषित किए गए बंदियों की तलाश में सर्विलांस और पुलिस की टीमें लगी हैं। संबंधित थानों की पुलिस भी इन बंदियों के घर और मिलने के संभावित स्थान पर दबिश दे रही है। एक दो बंदी तो ऐसे भी हैं जो पैरोल पर छूटने के बाद अपने घर ही नहीं गए। इन सभी के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया जाएगा और जितने दिन ये फरार रहेंगे उतने ही दिन इनकी सजा में जोड़े जाएंगे।

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