ग्लोबल आइकॉन प्रियंका चोपड़ा ने इजरायल और फिलिस्तीन युद्ध के बीच सोशल मीडिया पर एक पोस्ट शेयर किया है और चल रहे युद्ध पर अपनी राय दी है। प्रियंका अक्सर सामाजिक मुद्दों पर आवाज उठाती दिखाई देती हैं। इस बार वह इजरायल या फिलिस्तीन में से एक किसके साथ खड़ी हैं अभिनेत्री का रुख उनका हालिया पोस्ट जाहिर कर रहा है।
नई दिल्ली। पिछले कुछ महीनों से इजरायल और फिलिस्तीन के बीच युद्ध जारी है। गाजा में इजरायल के हमले से हजारों की जान चली गई है और यह सिलसिला अभी तक खत्म होता हुआ नहीं दिखाई दे रहा है। पूरी दुनिया जैसे-तैसे इस युद्ध को खत्म करने के लिए अपनी आवाज उठा रही है। इस बीच प्रियंका चोपड़ा ने भी रिएक्शन दिया है।
बॉलीवुड से हॉलीवुड तक में अपने अभिनय का जलवा बिखेरने वाली प्रियंका चोपड़ा सामाजिक मुद्दों पर अपने स्ट्रॉन्ग ओपिनियन के लिए भी जानी जाती हैं। वह यूनिसेफ के साथ भी जुड़ी हैं और बच्चों की भलाई के लिए काम करती हैं और लोगों को मोटिवेट करती हैं।
फिलिस्तीन-इजरायल युद्ध पर प्रियंका चोपड़ा का पोस्ट
इजरायल के हमले की वजह से गाजा में हजारों बच्चे मारे गए हैं। कई मलबे के नीचे लापता हो गए हैं। प्रियंका चोपड़ा ने इंस्टाग्राम स्टोरी पर एक पोस्ट रीशेयर किया है, जिसे संयुक्त राष्ट्र की एजेंसी यूनिसेफ के द्वारा शेयर किया गया है। यह एजेंसी दुनिया भर में बच्चों को मानवीय और विकासात्मक सहायता प्रदान करती है। पोस्ट में लिखा गया है, “बच्चों को एक स्थायी मानवीय युद्धविराम की आवश्यकता है।” इस पोस्ट के जरिए प्रियंका ने युद्धविराम लगाने पर जोर दिया है।
यूनिसेफ के द्वारा शेयर किए गए इस पोस्ट के कैप्शन में लिखा गया है, “आज गाजा पट्टी एक बार फिर बच्चों के रहने के लिए दुनिया की सबसे खतरनाक जगह बन गई है। सात दिनों की राहत के बाद भयानक हिंसा, लड़ाई फिर से शुरू हो गई है। इसकी वजह से कई और बच्चे मरेंगे। विराम से पहले 48 दिनों की लगातार बमबारी में 5,300 से अधिक फिलिस्तीनी बच्चे कथित तौर पर मारे गए थे, जिसमें कई बच्चे लापता हैं।”
कैप्शन में आगे लिखा गया है, “हम सभी पक्षों से यह सुनिश्चित करने का आह्वान करते हैं कि अंतरराष्ट्रीय मानवीय कानून के तहत उनके दायित्वों के अनुसार बच्चों की सुरक्षा और सहायता की जाए। फिलिस्तीन और इजरायल राज्य के सभी बच्चे शांति और बेहतर भविष्य की आशा के पात्र हैं – गाजा में लड़ाई फिर से शुरू होने पर यूनिसेफ के कार्यकारी निदेशक कैथरीन रसेल का बयान।”