बड़ी धूमधाम से मनाया गया बौद्ध विहार मटरिया में संविधान दिवस।

संविधान की प्रस्तावना में निहित मौलिक अधिकारों कर्तव्यो दायुत्वो बन्धुता समता सामानता स्वतंत्रता एकता अखंडता राष्ट्र की एकता धर्मनिरपेक्षता की जानकारी दी ।संविधान कब बनकर तैयार हुआ किसने किसके हाथों में दिया और पूर्णतः कब लागू हुआ।भारत की न्यायपालिका महिला सुरक्षा एवं शिक्षा की जानकारी दी।

आवाज –ए–लखनऊ  ~ संवाददाता– महेंद्र कुमार

हसनगंज उन्नाव – विकासखण्ड हसनगंज की ग्राम पंचायत मटरिया बौद्ध विहार में युवा संघर्ष दल के अध्यक्ष के तत्वाधान में बड़ी धूमधाम से मनाया गया संविधान दिवस अपने साथियों एवं ग्रामीणों को युवा संघर्ष दल के अध्यक्ष अभिषेक प्रधान मटरिया ने संविधान में निहित जानकारी से रूबरू करवाया बताया हमारे लिए शिक्षा व शिक्षित होना कितना महत्वपूर्ण है कहां शिक्षा वह शेरनी का दूध है जो जितना पिएगा उतनी तेज दहाड़ेगा।
युवा संघर्ष दल के अध्यक्ष ने भारतीय संविधान दिवस के मौके पर बताया आज का दिन भारत के लिए बड़े ही गौरव का दिन है 16 नवम्बर 1949 को भारत रत्न बाबा साहब डा० भीमराव अम्बेडकर ने दुनिया का सबसे बड़ा लिखित संविधान भारत को सौंपा था। जो कि 26 जनवरी 1950 को पूर्ण रूप से लागू हुआ भारत का संविधान मात्र एक ऐसा संविधान हैं जो दुनिया भर की विविधताओं को संजोए हुए तमाम विविधताओं के होते हुए भी सभी को समानता समता स्वतंत्रता एकता बन्धुता कर्तव्यो दायुत्व आखण्डता धर्मनिरपेक्षता राष्ट्र की एकता का संदेश देने की बात करता है।जिसे तैयार कर डा० राजेन्द्र प्रसाद के हाथों में सौंपा था और कहा था किसी भी देश का संविधान कितना भी अच्छा क्यों न हों अन्त में आखिर वह ग़लत ही साबित होगा जब संविधान को चलाने वाले लोग ग़लत होंगे और यह भी कहा था किसी भी देश का संविधान कितना भी ग़लत क्यों न हो वह सही साबित होगा जब उसे चलाने वाले लोग सही होंगे।
इसलिए इस देश व संविधान को बचाएं रखना हमारी और आपकी ज़िम्मेदारी है जब संविधान रहेगा तो देश रहेगा तभी हम सब सुरक्षित रह पाएंगे यह हम सब भारतीयो की जिम्मेदारी है।
*न्याय पालिका/महिला सुरक्षा पर जोर देते हुए कहा*- न्याय पालिका हमारे भारतीय संविधान में स्वतंत्र से रखी गई है।
महिलाओं को सम्मान व बराबरी का अधिकार भारतीय संविधान देता है चाहे वह ब्यवसाय हो या शिक्षा व खेल प्रतियोगिता का सामान अधिकार देता है यह नही कि पुरुष है तो मजदूरी व तनख्वाह महिला की अपेक्षा पुरुषों को अधिक दी जाए।

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