घटना महिला चिकित्सालय की है। स्टाफ नर्स के साथ मारपीट के बाद स्वास्थ्य कर्मियों ने इमरजेंसी ओपीडी बंद कर कार्य बहिष्कार किया। स्टाफ नर्स ने कोतवाली में तहरीर देकर आरोपित के खिलाफ कार्रवाई करने की मांग की है। उधर आरोपित की पत्नी ने कहा कि नर्स द्वारा बिना बताए समय से पहले टांका काटने पर नाराज होकर पति ने विवाद किया।
बस्ती, जिला महिला चिकित्सालय में रविवार की सुबह 10.15 बजे उस समय अफरा तफरी मच गई जब एक महिला के पति ने संविदा पर तैनात स्टाफ नर्स पर हाथ उठा दिया। स्टाफ नर्स के शोर मचाने पर जब अन्य स्वास्थ्य कर्मी मौके पर पहुंचे तो आरोपित भाग निकला। घटना से नाराज चिकित्सक व स्वास्थ्य कर्मियों ने इमरजेंसी ओपीडी ठप कर कार्य बहिष्कार कर दिया। घटना की सूचना कोतवाली पुलिस को दी गई। वहीं आरोपित की पत्नी ने बताया कि उनको लगाया गया टांका महज चार दिन में ही काट दिया गया। इससे उनके पति नाराज थे।
संतकबीरनगर जिले के खलीलाबाद के तेनुहारी गांव निवासी संतोष कुमार की पत्नी रोली 12 जुलाई को महिला अस्पताल में भर्ती कराई गईं थीं। उसी दिन उन्हें आपरेशन से बेटा पैदा हुआ था। उन्हें कुल छह टांके लगाए गए थे। 15 जुलाई को ड्रेसिंग के दौरान उनके टांके एक स्टाफ नर्स ने काट दिए। इसकी जानकारी जब रोली ने अपने पति संतोष को दी तो वह नाराज हो गए। उन्होंने महज चार दिन के अंदर ही टांका काटने पर सवाल खड़ा करते हुए आपत्ति जताई और डा. अनीता वर्मा व डा. संतोष मौर्या से इसकी शिकायत की। दोनों डाक्टरों ने उन्हें समझाया और आश्वस्त किया कि उनकी पत्नी को कोई दिक्कत नहीं हो पाएगी। टांका कटने से उनको कोई नुकसान नहीं हुआ हैं।
इसके बाद संतोष कुमार अपनी पत्नी रोली के पास सर्जिकल वार्ड में चले गए। रविवार की सुबह स्टाफ नर्स रेनू भारती को देखते ही वह बिगड़ गए। उन्होंने उसे रोक कर पूछा कि उसने उनकी पत्नी का समय से पहले टांका क्यों काट दिया। रेनू ने कहा कि उसने टांका नहीं काटा है, पर वह नहीं माने और उससे मारपीट करने लगे। रेनू के शोर मचाने पर जब अन्य कर्मी पहुंचे तो आरोपित भाग निकला। वहीं आरोपित के पिता ने अपने बेटे की गलती स्वीकार करते हुए चिकित्सकों व अन्य स्टाफ से बेटे की गलती के लिए माफी भी मांगा, मगर चिकित्सकों ने कहा कि वह पहले अपने बेटे को बुलाएं, फिर बात होगी। रेनू की ओर से कोतवाली पुलिस को तहरीर देकर आरोपित के विरुद्ध मुकदमा दर्ज करने का अनुरोध किया गया है। कोतवाल विनय कुमार पाठक ने बताया कि तहरीर मिली है, मामले की जांच पड़ताल की जा रही है।
आरोपित की पत्नी बोली
आरोपित की पत्नी रोली त्रिपाठी ने कहा कि उसका ड्रेसिंग करने के दौरान स्टाफ नर्स ने उसे लगाए गए सभी टांके बिना उन्हें बताए व डाक्टर से पूछे चार दिन में ही काट दिए, जबकि इसे एक सप्ताह बाद काटा जाना था। इसी कारण उनके पति घबरा गए। उन्होंने गुस्से में स्टाफ नर्स से विवाद किया।
क्या कहते हैं अधिकारी
जिला महिला अस्पताल के सीएमएस डा. पी. के. श्रीवास्तव ने बताया कि मरीज की स्थिति के अनुसार उसके टांके काटे जाते हैं। पूछताछ के दौरान पता चला कि रेनू ने टांके नहीं काटे थे, एक दूसरे स्टाफ नर्स ने टांका काटा था। डाक्टर ने भी बाद में चेक कर मरीज व उसके परिवार वालों से बताया था कि कोई दिक्कत नहीं है। स्टाफ नर्स से मारपीट के मामले में पुलिस को तहरीर दी गई है।