बाइक चोरी की एफआइआर दर्ज कराने के लिए गोसाईगंज के अमरौली गांव निवासी प्राथमिक विद्यालय में शिक्षक दिनेश कुमार को मड़ियांव पुलिस ने 43 दिन तक दौड़ाया था। मामले का संज्ञान लेकर पुलिस आयुक्त ने जांच के निर्देश दिए।
लखनऊ : बाइक चोरी की एफआइआर दर्ज कराने के लिए गोसाईगंज के अमरौली गांव निवासी प्राथमिक विद्यालय में शिक्षक दिनेश कुमार को मड़ियांव पुलिस ने 43 दिन तक दौड़ाया था। दैनिक जागरण ने इस खबर को प्रमुखता से प्रकाशित किया। मामले का संज्ञान लेकर पुलिस आयुक्त ने जांच के निर्देश दिए।
डीसीपी ने किया लाइन हाजिर
जांच में नौबस्ता पुलिस चौकी के दारोगा शिव सिंह और मड़ियांव कोतवाली का मुंशी मिथिलेश दोषी पाए गए। इसके बाद डीसीपी उत्तरी कासिम आब्दी ने सोमवार को दोनों को लाइन हाजिर कर दिया। लापरवाह पुलिसकर्मियों को निलंबित करने की जगह दिखावे की कार्रवाई कर अफसर शांत बैठ गए। पीड़ित दिनेश गायत्री नगर नौबस्ता खुर्द दो में राजकुमार मौर्या के मकान में किराए पर रहते हैं। 27 मार्च को उनकी बाइक घर के बाहर से चोरी हो गई थी। पीड़ित कोतवाली पहुंचे तो उन्हें पुलिस चौकी पर जाने के लिए कहा गया। इत तरह 43 दिन तक दिनेश को टरकाया गया और उनकी एफआइआर नहीं लिखी गई।
दोनों पुलिसकर्मियों को भेजा गया पुलिस लाइन
पीड़ित ने उच्चाधिकारियों से शिकायत की बात कही तब बाइक चोरी की रिपोर्ट दर्ज की गई। फरियादी को टरकाने पर सख्त कार्रवाई का संदेश देने की जगह दोनों पुलिसकर्मियों को पुलिस लाइन भेज दिया गया। ऐसे ही बिजनौर में ठेकेदार से रिश्वत लेने और हिरासत में पिटाई करने वाले पुलिसकर्मियों को अभी तक गिरफ्तार नहीं किया जा सका है। दोनों निलंबित हैं और उनपर एफआइआर दर्ज है।