बाइडन सरकार ने वीजा को लेकर खत्म की बड़ी कानूनी अड़चन, हजारों भारतीयों को होगा लाभ

अमेरिकी नागरिकता और आव्रजन सेवा (यूएशसीआइएस) की ओर से एच-1बी वीजाधारकों के तात्कालिक स्वजनों (यानी पति पत्नी या 21 साल से कम उम्र के बच्चों) को यह सुविधा मिलती है। उन्हें एच-4 वीजा दिया जाता है।

 

वाशिंगटन, प्रेट्र। अमेरिका में एच-1बी वीजा के जरिये काम कर रहे कामकाजी लोगों के जीवनसाथी अब अमेरिका में काम खोज सकते हैं। अमेरिका की जो बाइडन सरकार ए-1बी वीजाधारकों के जीवनसाथी को अपने आप काम करने के लिए अधिकृत करने पर सहमत हो गई है यानी कि अब उन्हें फिर से खुद को अधीकृत नहीं करवाना होगा। अमेरिकी सरकार के इस फैसले से अमेरिका में काम कर रह आइटी क्षेत्र के हजारों भारतीयों की पत्नी या पति को फायदा होगा।

अमेरिकी सरकार ने यह फैसला एक कानूनी कार्रवाई के चलते लिया है। अमेरिकी इमिग्रेशन लायर्स एसोसिएशन (एआइएलए) ने इस बार की गर्मियों में प्रवासियों की जीवनसाथी की ओर से केस दर्ज किया था। अमेरिकी नागरिकता और आव्रजन सेवा (यूएससीआइएस) की ओर से एच-1बी वीजाधारकों के तात्कालिक स्वजनों (यानी पति, पत्नी या 21 साल से कम उम्र के बच्चों) को यह सुविधा मिलती है। उन्हें एच-4 वीजा दिया जाता है।

 

एआइएलए के जोन वासडेन ने अपनी याचिका में कहा था कि एच-4वीजा धारक ऐसे लोग हैं, जो रोजगार अधिकरण दस्तावेज के स्वत: विस्तार के लिए नियामकीय शतरें को पूरा करते हैं लेकिन उन्हें इसका लाभ नहीं मिलता है और फिर से अधिकृत होने के लिए बाध्य होना पड़ता है। वासडेन ने कहा कि इन्हें मंजूरी नहीं दिए जाने के चलते लोगों को दिक्कतें हो रही हैं और बिना किसी कानूनी कारण के चलते अधिक वेतन वाली नौकरी गंवानी पड़ रही है। वासडेन के मुताबिक इससे अमेरिकी कारोबार को भी नुकसान हो रहा है।

 

एच-4 वीजा ऐसे लोगों को दिया जाता है, जो उनके स्वजन हैं और एच-1बी वीजाधारकों के साथ अमेरिका में रहते हैं। हालांकि अब नए फैसले के मुताबिक अमेरिकी सिटिजनशिप एंड इमिग्रेशन सर्विसेज (यूएससीआइएस) की नीतियों के तहत एच-4 वीजाधारकों पर पहले जो रोक थी, अब नहीं होगी। एआइएलए ने जो बाइडन प्रशासन के इस फैसले को बड़ी उपलब्धि बताते हुए कहा कि ओबामा प्रशासन ने कुछ खास एच-1बी वीजाधारकों के जीवनसाथी को काम करने की मंजूरी दी थी। उनके फैसले के बाद अब तक 90 हजार से अधिक एच-4 वीजा धारकों को काम करने की मंजूरी मिल चुकी है। इसमें से अधिकतर भारतीय-अमेरिकी महिलाएं हैं।

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