बाघिन कहां से आती है, लोगों पर हमला करके किधर चली जाती, वन विभाग को 15 महीने में पता नहीं चल सका,

फतेहगंज पश्चिमी की बंद रबर फैक्ट्री में पिछले 15 महीने से घूम रही बाघिन ने बीते रविवार को दो किसानों को घायल कर दिया था। बाघिन की तलाश में वन विभाग की कई टीमें लगातार कांबिंग कर रही हैं।

 

बरेली : फतेहगंज पश्चिमी की बंद रबर फैक्ट्री में पिछले 15 महीने से घूम रही बाघिन ने बीते रविवार को दो किसानों को घायल कर दिया था। बाघिन की तलाश में वन विभाग की कई टीमें लगातार कांबिंग कर रही हैं।लेकिन बाघिन कहां से आती है और लोगों पर हमला करके कहां चली जाती है, इसके बारे में वन विभाग की टीम को पता नहीं चल पा रहा है।बुधवार को पीलीभीत टाइगर रिजर्व के वन्यजीव विशेषज्ञ नहीं पहुंचे। मौजूद टीम ने ट्रैक्टर ट्राली से खादर में कांबिंग की लेकिन सफलता हाथ नहीं लग सकी।

रविवार दोपहर रामगंगा खादर के गांव गोरा हेमराजपुर में खेत पर पानी लगा रहे दो किसानों पर बाघिन ने जान लेवा हमला कर घायल कर दिया था। जिनका अस्पताल में उपचार हो रहा है। डीएफओ भारत लाल ने बाघिन को पकड़ने के लिए सोमवार को ही पिंजरा खादर में लगाने के निर्देश दिए थे। पिंजरा में बुधवार को वन विभाग के अधिकारियों ने एक पड्डा बांधा। वन विभाग की चारों टीमों ने ट्रैक्टर ट्रालियों से पूरे जंगल में कांबिंग की। हालांकि कहीं भी बाघिन की कोई जानकारी नहीं हो सकी।

बारिश ने एक बार फिर समस्या उत्पन्न की : वन क्षेत्राधिकारी संतोष सिंह ने बताया कि बुधवार को रबर फैक्ट्री में लगे सेंसर कैमरों को चेक किया जाना था। जो पूरे दिन चली बूंदाबांदी के चलते नही किया जा सका। रेंज की टीम ने बुधवार को भीगते हुए खादर क्षेत्र में कांबिंग की। बुधवार को हुई बारिश के चलते रबर फैक्ट्री में लगे सेंसर कैमरों की निगरानी नहीं हो सकी।

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