बाराबंकी निवासी फूलमती की 28 फरवरी को मौत हो गई थी। सौतेला पुत्र रामदास अंतिम संस्कार की तैयारी कर रहा था तभी मृतका फूलमती के भाई सुंदरलाल ने हत्या की आशंका जताते हुए पुलिस को सूचना दी जिसके बाद अंतिम संस्कार रोककर पोस्टमार्टम किया गया।
बाराबंकी, जमीन के लालच में कलयुगी बेटे ने अपनी सौतेली मां की हत्या कर दी। शक होने पर मृतका के भाई ने पुलिस को सूचना दी। मृतका के भाई की तहरीर पर आरोपित पर हत्या का मुकदमा लिखकर उसे गिरफ्तार कर न्यायालय में पेश किया गया, जहां से जेल भेज दिया गया। उधर, पोस्टमार्टम रिपोर्ट में गला दबाकर हत्या किए जाने की पुष्टि हुई।
फतेहपुर के ग्राम धरौली में रहने वाली 50 वर्षीय फूलमती की 28 फरवरी को संदिग्ध हालात में मौत हो गई थी। फूलमती का सौतेला पुत्र रामदास शव के अंतिम संस्कार की तैयारी कर रहा था। तभी पड़ोसी गांव इब्राहिमपुर में रहने वाले फूलमती के भाई सुंदरलाल ने पुलिस को हत्या की आशंका जताते हुए सूचना दी। फतेहपुर कोतवाल संजय मौर्या ने शव को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया। एक मार्च को आई पोस्टमार्टम रिपोर्ट में फूलमती को गला दबाकर मारने की पुष्टि हो गई। इसके बाद पुलिस ने सुंदरलाल को बुलाया और उसकी तहरीर पर मृतका के पुत्र रामदास पर हत्या का मुकदमा लिखा। तीन मार्च की सुबह आरोपित रामदास को घर से ही गिरफ्तार भी कर लिया गया है।
हत्या का कारण : कोतवाल संजय मौर्या ने बताया कि सुंदरलाल बहन का आधार कार्ड बनवाना चाहता था। ताकि फूलमती को राशन मिल सके और उसकी आधी जमीन अपने नाम करा सके। 27 फरवरी को आधार कार्ड की रसीद के आधार पर ही फूलमती ने मतदान किया था। इसकी जानकारी होने पर रामदास का 28 फरवरी की रात अपनी सौतेली मां से विवाद हुआ था। आरोप है कि इसी रात रामदास ने फूलमती का गला घोटकर हत्या कर दी।
पीएम के बाद मुकदमा : सुंदरलाल की सूचना पर पुलिस ने अंतिम संस्कार प्रक्रिया रुकवाकर शव का पोस्टमार्टम कराया था। एक मार्च को जब पीएम रिपोर्ट में हत्या की पुष्टि हो गई तो पुलिस ने दो मार्च को आरोपित पर हत्या का मुकदमा लिखा।
पहली पत्नी की बहन से की थी शादी : धरौली के सूर्यबली का पहला विवाह कलावती से हुआ था। इससे उनका पुत्र रामदास था। जब रामदास मात्र ढाई साल का था तभी कलावती की बीमारी के चलते मौत हो गई थी। इसके बाद सूर्यबली ने पहली पत्नी कलावती की बहन फूलमती से विवाह कर लिया था। तब से फूलमती ने ही रामदास को पाल पोसकर बड़ा किया। कुछ वर्ष पहले ही सूर्यबली की भी मौत हो गई थी।