बाराबंकी, मेरठ, अयोध्या, बागपत और उन्नाव में विलंब से मतगणना,

जिला क्षेत्र व ग्राम पंचायत सदस्यों के अलावा प्रधान पदों के 1289830 उम्मीदवारों के भाग्य का फैसला होगा। अयोध्या बागपत बाराबंकी व मेरठ के कई केंद्र में करीब एक घंटा का विलंब हुआ है।

 

लखनऊ, कोरोना वायरस के संक्रमण काल में सम्पन्न उत्तर प्रदेश में त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव के बाद आज यानी रविवार को प्रदेश के 829 केंद्रों पर मतगणना हो रही है। सुप्रीम कोर्ट से शनिवार को हरी झंडी मिलने के बाद जिला, क्षेत्र व ग्राम पंचायत सदस्यों के अलावा ग्राम प्रधान पदों के 12,89,830 उम्मीदवारों के भाग्य का आज फैसला होगा। पहला परिणाम दोपहर 12 तक आने की उम्मीद है। वैसे तो बैलेट पेपरों की गिनती का समय शाम को छह बजे तक के लिए निर्धारित है। इसके बाद भी परिणाम देर रात तक भी आने की संभावना है।

बाराबंकी, मेरठ, अयोध्या, बागपत और उन्नाव में विलंब से मतगणना: उत्तर प्रदेश के त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव में चार चरण के मतदान के बाद रविवार को मतों की गिनती हो रही है। स्ट्रांग रूम से बैलट बॉक्स को मतदान केंद्र में कड़ी सुरक्षा के बीच में लाया गया। यहां पर पहले मतपत्रों को निकालकर उनकी गड्डियां तैयार की जा रही हैं। तैयार गड्डियों की गिनती भी की जा रही है। प्रदेश में आज अयोध्या, मेरठ, बागपत, बाराबंकी और उन्नाव में गिनती का काम विलंब से शुरू हुआ। अयोध्या, बागपत, बाराबंकी व मेरठ के कई केंद्र में करीब एक घंटा का विलंब हुआ जबकि उन्नाव में 20 मिनट की देरी से मतगणना का काम हो रहा है।

मतगणना स्थल के बाहर कोविड प्रोटोकॉल का जमकर उल्लंघन: प्रदेश के लगभग हर जिले में मतगणना केंद्रों के बाद लोगों का हुजूम उमड़ पड़ा है। शारीरिक दूरी का कहीं पर भी पालन नहीं हो रहा है। प्रत्याशी तो थर्मल स्कैनिंग और तमाम जांच के बाद मतगणना केंद्र के अंदर हैं, लेकिन बाहर उनके समर्थकों को नियंत्रित करने में पुलिस को काफी मशक्कत भी करनी पड़ रही है। फिरोजाबाद तथा मैनपुरी में तो पुलिस ने बल का भी प्रयोग किया है।  मतगणना केंद्रों के बाहर भारी भीड़ उमड़ी है। इनकी बड़ी संख्या में एकत्र प्रत्याशी, एजेंट तथा प्रत्याशी के समर्थकों के कारण फिजिकल डिस्टेसिंग का पालन नहीं हो पा रहा है। मतगणना केंद्रों के अंदर काफी सख्ती है। बिना कोविड निगेटिव रिपोर्ट के किसी को भी प्रवेश नहीं दिया जा रहा है। सभी कर्मी अपने काम में काफी तल्लीनता से लगे हैं।

गड्डियां बनने के बाद अब पहले राउंड के मतों की गिनती का काम शुरू: प्रदेश के सभी 75 जिलों में आज मतगणना केंद्रों पर मतगणना के दौरान कड़े सुरक्षा प्रबंधों के अलावा कोराना संक्रमण से बचाव के लिए भी व्यापक बंदोबस्त हैं। हर मतदान केंद्र पर गणना में लगे कर्मियों ने मतपत्रों को एकत्र करने के बाद उनकी गड्डियां भी बना ली हैं। खराब मतपत्रों को अलग किया गया है। लखनऊ के साथ ही मेरठ, बरेली, प्रयागराज, वाराणसी, कानपुर, गोरखपुर तथा अन्य जिलों में भी गिनती का काम शुरू हो गया है। हर केंद्र पर कर्मियों की कमी के कारण गिनती थोड़ी धीमी हो रही है। मतपत्रों को अलग-अलग करने का काम भी काफी पेचीदा है, इसलिए सभी जगह पर वोटों की गिनती में काफी समय लग रहा है।

कर्मचारी बैलट पेपर की गड्डी बनाने में लगे : सभी मतदान केंद्रों में सबसे पहले मतपेटियों को खोला गया। इसके बाद रंगों के अनुसार सभी मतपत्र अलग किया जा रहा है। रंगों के हिसाब से 50-50 मतपत्रों की गड्डियां बनाई जाएंगी और इस तरह मतपत्रों को एकत्र किया जाएगा। इन छांटे गए मतपत्रों में से बेकार मतपत्रों को अलग करने के बाद गिनती शुरू हो जाएगी। पंचायत चुनाव में मतों की गिनती की लम्बी प्रक्रिया है। इस दौरान कर्मचारियों की ड्यूटी बदलती रहेगी। हर विकासखंड पर हर घंटे नतीजों की घोषणा की जाएगी। इसका अंतिम परिणाम आने में 36 से 72 घंटे तक का समय लग सकता है। रात से रुझान आने शुरू होंगे।

हर पद के लिए अलग मतपत्र: मतपत्रों वाले चुनाव में मतपेटियों में हर पद के लिए मतपत्र अलग-अलग होता है। प्रधान पद के लिए हरे रंग का मतपत्र होता है। प्रधान पद के नतीजे ग्राम पंचायत वार आएंगे। ग्राम पंचायत सदस्यों का मतपत्र सफेद रंग का होगा और ग्राम पंचायत सदस्यों के नतीजे वार्ड के हिसाब से आएंगे। सदस्य क्षेत्र पंचायत का मतपत्र नीले रंग का होगा और सदस्य क्षेत्र पंचायतों के नतीजे क्षेत्र पंचायत वार आएंगे। सदस्य जिला पंचायत का मतपत्र गुलाबी रंग का होगा और सदस्य जिला पंचायत के नतीजे वार्ड वार आएंगे।

कोरोना संक्रमण से बचाव के लिए भी व्यापक बंदोबस्त: प्रदेश के सभी 75 जिलों में आज मतगणना केंद्रों पर कड़े सुरक्षा प्रबंधों के अलावा कोरोना संक्रमण से बचाव के लिए भी व्यापक बंदोबस्त हैं। सुप्रीम कोर्ट के निर्देश के बाद से सभी मतगणना केंद्र पर विशेष सतर्कता के निर्देश भी हैं। हर केंद्र पर मतगणना कर्मियों के साथ ही अधिकारियों के अलावा प्रत्याशियों व उनके एजेंटों के लिए थर्मल स्कैनिंग , मास्क व सैनिटाइजेशन अनिवार्य होगा। राज्य निर्वाचन आयुक्त मनोज कुमार ने बताया कि चार चरणों में मतपत्रों के जरिए मतदान प्रक्रिया पूरी कराई गई थी। वोटिंग मतपत्रों के जरिए होने के कारण गिनती से पूर्व बैलेट पेपरों की छंटनी व बंडल बनाने की प्रक्रिया होगी। इसके बाद ही वोटों की गिनती शुरू हो पाएगी। प्रत्येेक मतगणना केंद्र पर मेडिकल हेल्थ डेस्क स्थापित की गई है जिसमें चिकित्सकों के अलावा जरूरी दवाएं भी उपलब्ध होंगी। सभी मतगणना केंद्र में किसी के भी प्रवेश से पहले उसका आक्सीमीटर व थर्मामीटर से टेस्ट हो रहा है। इस दौरान सभी मास्क लगाना और सुरक्षित शारीरिक दूरी अनिवार्य है। जुकाम, बुखार व खांसी के लक्षण मिलने पर किस भी व्यक्ति को मतगणना केंद्र से बाहर किया जा रहा है।

जुलूस निकाला तो होगी एफआईआर : आयुक्त मनोज कुमार ने कहा कि मतगणना स्थलों पर भीड़ नहीं जुटने दी जाएगी। सभी उम्मीदवारों को विजय जुलूस नहीं निकालने की सख्त हिदायत दी गयी है। इसके बाद भी जुलूस निकाला तो संबंधित व्यक्ति के खिलाफ एफआईआर दर्ज की जाएगी।

पंचायत चुनाव के लिए एक करोड़ सात लाख 4435 लोगों ने नामांकन पत्र दाखिल किया था। इसमें से 17,619 का नामांकन खारिज हो गया था, जबकि 77669 लोगों ने अपना नामांकन वापस ले लिया था। तीन लाख 19,317 का निर्वाचन निर्विरोध हो गया था। अब कुल एक करोड़ 28 लाख, 9830 प्रत्याशियों के भाग्य का फैसला होगा। जिला पंचायत सदस्य के 3050 पद के लिए 75 जिलों में 44397 प्रत्याशी मैदान में हैं। इसमें सात प्रत्याशी निर्विरोध भी जीते है। क्षेत्र पंचायत वार्ड सदस्य के 75852 पद के लिए तीन लाख 42439 प्रत्याशियों ने ताल ठोंकी है। इनमें से 2005 निर्विरोध चुने गए हैं। ग्राम प्रधान के 58176 पद के लिए पांच लाख 23,173 लोगों ने नामांकन कराया था, नाम वापसी के बाद चार लाख 64,717 प्रत्याशी मैदान में हैं। 178 ग्राम प्रधान निर्विरोध निर्वाचित हुए हैं। ग्राम पंचायत वार्ड सदस्य पद के सात लाख 32,485 पद के लिए चार लाख 38,277 प्रत्याशी मैदान में हैं। इस पद के तीन लाख 17,127 लोगों का निर्वाचन निर्विरोध हुआ है,

चार चरणों में सम्पन्न चुनाव: उत्तर प्रदेश में गांव की सरकार बनाने के लिए जितने उत्साह में प्रत्याशी थे, उतने ही मतदाता भी थे। जिसके कारण हर चरण में वोटिंग का प्रतिशत भी बढ़ता चला गया। गांव की सरकार चुनने के लिए 15 अप्रैल को पहले चरण के लिए 18 जिलों में वोट डाले गए थे। इस चरण में लगभग 71 प्रतिशत वोटिंग वोटिंग हुई थी। पहले चरण में जिला पंचायत वार्ड के 779 पद के लिए वोट डाले गये थे। क्षेत्र पंचायत वार्ड के 19,313 पद, ग्राम प्रधान पद के लिए 14789 पद के लिए मतदान हुआ था। ग्राम पंचायत सदस्य के लिए 1,86,583 पद के लिए वोटिंग हुई थी। पहले चरण में कुल 51,176 पोलिंग बूथ बनाए गए थे। इस चरण में 18 जिलों के तीन करोड़ 16 लाख 46 हजार 162 लोगों ने मतदान किया था। इसके बाद दूसरे चरण के लिए 19 अप्रैल को वोटिंग हुई थी। इसमें 20 जिलों के 72 प्रतिशत लोगों ने अपने अधिकार का प्रयोग किया। इस दौर में 20 जिलों में वोट डाले गये। दूसरे चरण में कुल 52623 पोलिंग बूथ पर तीन करोड़ 23 लाख 69 हजार 280 लोगों को वोट डालना था। पंचायत चुनाव के लिए तीसरे चरण के लिए वोटिंग 26 अप्रैल को हुई थी। 20 जिलों में कुल 73.5 प्रतिशत मतदान हुआ था। इसमें जिला पंचायत वार्ड के 746 पद, क्षेत्र पंचायत वार्ड के 18530 पद, ग्राम प्रधान के 14379 पद और ग्राम पंचायत सदस्य के 180473 पद हैं। इस चरण में 20 जिलो में 49,789 पोलिंग बूथ पर तीन करोड़ 5,71 613 वोटर थे। पंचायत चुनाव में चौथे चरण का मतदान 29 अप्रैल को हुआ। इसमें 17 जिलों में 75.38 फीसदी वोटिंग हुई। इस चरण में जिला पंचायत वार्ड के 738, क्षेत्र पंचायत वार्ड के 18,356, ग्राम प्रधान के 14,111 तथा ग्राम पंचायत सदस्य के दो लाख 17516 पद हैं। 17 जिलों के 48460 बूथ पर दो करोड़ 98,21 443 मतदाता थे।

उम्मीदवार, जो मैदान में है

पद                                उम्मीदवार संख्या

जिला पंचायत सदस्य-         44,397

क्षेत्र पंचायत सदस्य-           3,42,439

ग्राम प्रधान-                       4,64,717

ग्राम पंचायत सदस्य-           4,38,277

कुल उम्मीदवार-               12,89,830

उम्मीदवार निर्विरोध निर्वाचित हुए

पद                           उम्मीदवार संख्या

जिला पंचायत सदस्य-           07

क्षेत्र पंचायत सदस्य-              2005

ग्राम प्रधान-                         178

ग्राम पंचायत सदस्य-             3,17,127

कुल निर्विरोध विजेता–           3,19,317

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