भारत विश्व का सबसे बड़ा स्वर्ण आयातक देश है। प्रमुख रूप से जुलरी इंडस्ट्री की मांग को पूरा करने के लिए सोने का आयात किया जाता है। बीते वित्त वर्ष में रत्न एवं आभूषणों का निर्यात 27.5 फीसद घटकर 26 अरब डॉलर रह गया।
नई दिल्ली, पीटीआइ। वित्त वर्ष 2020-21 में सोने का आयात 22.58 फीसद की बढ़ोत्तरी के साथ 34.6 अरब डॉलर या 2.54 लाख करोड़ रुपये रहा है। वाणिज्य मंत्रालय के आंकड़ों के अनुसार, घरेलू मांग में बढ़ोत्तरी से सोने के आयात में वृद्धि हुई है। आंकड़ों के अनुसार, बीते वित्त वर्ष में चांदी का आयात 71 फीसद घटकर 79.1 करोड़ डॉलर रहा है। बता दें कि सोने का आयात चालू खाते के घाटे (CAD) को प्रभावित करता है।
गौरतलब है कि इससे पिछले वित्त वर्ष 2019-20 में सोने का आयात 28.23 अरब डॉलर रहा था। खास बात यह है कि सोने के आयात में बढ़ोतरी के बावजूद बीते वित्त वर्ष में देश का व्यापार घाटा घटकर 98.56 अरब डॉलर रह गया। वित्त वर्ष 2019-20 में यह 161.3 अरब डॉलर रहा था।
रत्न एवं आभूषण निर्यात संवर्द्धन परिषद (GJEPC) के चेयरमैन कोलिन शाह ने कहा कि घरेलू मांग में वृद्धि के चलते सोने के आयात में बढ़ोत्तरी हुई है। शाह ने कहा कि अक्षय तृतीया सहित शादी-ब्याज के सीजन के कारण सोने के आयात में और बढ़ोत्तरी हो सकती है। सोने का आयात बढ़ने पर चालू खाते का घाटा भी बढ़ेगा। बता दें कि देश में विदेशी मुद्रा के आने और यहां से बाहर जाने का अंतर CAD कहलाता है।
भारत विश्व का सबसे बड़ा स्वर्ण आयातक देश है। प्रमुख रूप से जुलरी इंडस्ट्री की मांग को पूरा करने के लिए सोने का आयात किया जाता है। बीते वित्त वर्ष में रत्न एवं आभूषणों का निर्यात 27.5 फीसद घटकर 26 अरब डॉलर रह गया। मात्रा के हिसाब से भारत हर साल 800 से 900 टन सोने का आयात करता है। बता दें कि सरकार ने बजट में सोने पर आयात शुल्क 12.5 फीसद से घटाकर 10 फीसद कर दिया है। इसमें 7.5 फीसद सीमा शुल्क और 2.5 फीसद कृषि अवसंरचना एवं विकास टैक्स है।