बेटी की शादी में खर्च की नहीं होगी टेंशन, इस सरकारी योजना से मिल सकते हैं लाखों रुपये; जानें जरूरी बातें

बेटियों के लिए कई तरह की योजनाएं चलाई जा रही हैं। इनमें से ही एक योजना- सुकन्या समृद्धि योजना है। पीएम नरेंद्र मोदी ने 22 जनवरी 2015 को इसकी शुरुआत की थी। योजना के तहत 7.6% वार्षिक ब्याज दर का रिटर्न मिलता है।

 

नई दिल्ली, बिजनेस डेस्क। पीएम नरेंद्र मोदी ने बेटियों के भविष्य को बेहतर बनाने के उद्देश्य से 22 जनवरी 2015 को सुकन्या समृद्धि योजना (Sukanya Samriddhi Yojana) शुरू की थी। यह एक बचत योजना है, जिसके तहत 7 फीसदी से ज्यादा की ब्याज दर पर रिटर्न मिलता है। बेटी के बालिग होने पर इस निवेश का काफी फायदा मिलता है। इससे मिलने वाला पैसा उसकी शादी से लेकर तमाम अन्य जरूरी तथा बड़े खर्चों के काम में आ सकता है।

ब्याज दर

सुकन्या समृद्धि योजना खाते पर 7.6% का वार्षिक ब्याज मिलता है। ब्याज की गणना कैलेंडर महीने के पांचवें दिन की समाप्ति और महीने के अंत के बीच खाते में बची हुई सबसे कम रकम पर की जाती है। हर वित्तीय वर्ष के आखिर में ब्याज को खाते में जमा किया जाता है। सुकन्या समृद्धि योजना पर मिलने वाला ब्याज आयकर अधिनियम के तहत कर मुक्त होता है।

सुकन्या समृद्धि योजना खाता कौन खोल सकता है?

सुकन्या समृद्धि योजना खाता, 10 वर्ष से कम उम्र की बालिका के नाम पर उसके अभिभावक द्वारा खोला जा सकता है। देश के किसी भी डाकघर या बैंक में एक बालिका के नाम पर सिर्फ एक खाता ही खोला जा सकता है। एक परिवार में अधिकतम दो बालिकाओं के लिए खाता खोला जा सकता है। हालांकि, जुड़वां/तीन बालिकाओं के जन्म के मामले में दो से ज्यादा खाते भी खोलने की अनुमति होती है।

सुकन्या समृद्धि योजना खाते में डिपोजिट के नियम

सुकन्या समृद्धि योजना खाते को न्यूनतम 250 रुपये जमा करके खोला जा सकता है। एक वित्त वर्ष में कम से कम 250 रुपये और अधिकतम 1.50 लाख रुपये (50 रुपये के गुणक में) जमा किए जा सकते हैं। यह पैसा कितनी भी किस्तों, या फिर एकमुस्त भी जमा किया जा सकता है। इसमें जमा की जाने वाली रकम आयकर अधिनियम की धारा 80 सी के तहत कटौती योग्य होती है।

अन्य जरूरी बातें

सुकन्या समृद्धि योजना खाता खोलने के लिए लाभार्थी के जन्म प्रमाण पत्र और उसके अभिभावक या माता-पिता का पता प्रमाण तथा आईडी प्रमाण की जरूरत होती है। यह खाता किसी भी पोस्ट ऑफिस या बैंक में खोला जा सकता है। योजना की अवधि बालिका के 21 साल का होने तक या फिर 18 साल की उम्र के बाद उसकी शादी के समय तक हो सकती है। इन दोनों स्थितियों में योजना से पूरा पैसा निकाला जा सकता है।

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