यूपी के रामपुर में उपचुनाव के बाद पुलिस लाइन में आयोजित सद्भावना गोष्ठी में आईपीएस के एक बयान ने बवाल खड़ा कर दिया। रामपुर एसपी अशोक कुमार शुक्ला ने अपने बयान के बाद माफी मांगी है।
यूपी के रामपुर में उपचुनाव के बाद पुलिस लाइन में आयोजित सद्भावना गोष्ठी में आईपीएस के एक बयान ने बवाल खड़ा कर दिया। एसपी अशोक कुमार शुक्ला ने कहा, कि बेटी भागती है तो मैं माता-पिता को जेल भेज देना चाहता हूं। उनके इस भाषण के वीडियो पर सपा ने भी हमला बोला और अपने ट्विट एकाउंट से ट्विट किया। हालांकि वीडियो वायरल होने के बाद एसपी ने खंडन करते हुए माफी भी मांगी है।
दरअसल उपचुनाव खत्म होने के बाद रामपुर की पुलिस लाइन में एक सद्भावना गोष्ठी आयोजित की गई थी। जिसमें एसपी अशोक कुमार शुक्ला एक-दो बच्चे ही पैदा करने की नसीहत दे रहे थे। उन्होंने कहा, कोई इसे सियासी नजरिए से देख रहा है तो कोई उनके इस बयान में मजहबी टिप्पणी के रंग तलाश रहा है। हालांकि एसपी का कहना है कि उन्होने जो कहा वह समाज के भाई-चारे के लिए साफ मंशा से कहा। एसपी अशोक कुमार शुक्ला ने कानून-व्यवस्था, सद्भाव और तालीम की बात करते-करते यह भी कह डाला कि अगर किसी की बेटी भागती है तो मन करता है पहले मां-बाप को जेल भेजू दूं।
ऐेसे अभिभावक आखिर किसके भरोसे बच्चे छोड़ देते हैं। इसी बात के क्रम में उन्होंने कहा कि अधिक बच्चे होते हैं तो उनकी अच्छे से परवरिश नहीं हो पाती। उन्हें अच्छी तालीम नहीं मिल पाती। इसलिए एक-दो बच्चे ही काफी हैं। इसमें अगर किसी का धर्म आड़े आता है तो उन्हें बच्चों के लिए सभी जरूरी इंतजाम अच्छे से करने चाहिए। ऐसा न होने पर ही बच्चे पंचर बनाते फिरते हैं, कट्टा लेकर घूमते हैं, इससे पुलिस का काम बढ़ जाता है। एसपी के इस बयान पर कुछ लोगों ने तालियां बजाईं तो कुछ औचक से एक दूसरे का मुंह ताकते रह गए।