बाराबंकी में बेटे ने पिता की मौत का बदला 25 साल बाद लिया। हत्यारे को कोर्ट ने आजीवन कारावास की सजा दी थी जिसके बाद वह हाईकोर्ट में अपील कर बाहर आ गया था जिस मृतक के बेटे ने मार डाला।
बाराबंकी, पिता की हत्या का बदला लेने के लिए पुत्र ने 25 साल बाद हत्या के सजायाफ्ता को मौत के घाट उतार दिया। वारदात के समय व्यक्ति घर में अकेला था। हत्या में आजीवन कारावास की सजा हाेने के बाद वह हाईकोर्ट में अपील कर 17 साल से बाहर था। पुलिस ने आरोपित को गिरफ्तार कर लिया है। मृतक के भांजे ने आरोपित पर हत्या का मुकदमा लिखाया है।
जैदपुर थाना के ग्राम मक्का पुरवा मजरे कोला में रहने वाले 55 वर्षीय रामकुमार यादव ने 1997 में गांव के ही जगमोहन यादव की आपसी रंजिश में हत्या कर दी थी। गिरफ्तार किए गए रामकुमार को हत्या के आरोप में न्यायालय से आजीवन कारावास की सजा हो गई। आरोपित ने हाईकोर्ट में अपील की और 2010 में जेल से बाहर आ गया। रामकुमार घर में अकेला रहता था। शुक्रवार देर रात बालकराम अपने पिता जगमोहन की हत्या का बदला लेने के लिए रामकुमार के घर में घुसा और रोटी पकाने वाले तवे से रामकुमार के गले व सिर पर ताबड़तोड़ हमलाकर मरणासन्न कर दिया।
ग्रामीणों ने पकड़ा रामकुमार को मृत समझकर बालकराम वहां से चला गया। गंभीर रूप से घायल रामकुमार के चिल्लाने पर पास पड़ोस के लोग पहुंचे तो नजारा देख पुलिस को सूचना दी। जैदपुर थाना प्रभारी निरीक्षक डीके सिंह ने घटना स्थल का जायजा लिया और तत्काल रामकुमार को जिला अस्पताल पहुंचाया, जहां उसकी मृत्यु हो गई। उधर शक के आधार पर ग्रामीणों ने भाग रहे बालकराम को पकड़ लिया और पुलिस के सिपुर्द कर दिया। जैदपुर कोतवाल डीके सिंह ने बताया कि शाहपुर में रहने वाले मृतक के भांजे रामशंकर ने बालकराम पर मुकदमा लिखाया है। आरोपित को न्यायालय में पेश किया जा रहा है।
कुछ दिनों से था अकेलाग्रामीणों ने बताया कि रामकुमार की पत्नी उसे छोड़कर चली गई थी। कुछ साल पहले एक अन्य महिला को लाकर अपने साथ रखा था। कुछ दिन पहले वह महिला भी उसके पास से चली गई, तब से वह अकेला रहता था।