महाराजा लाखन पासी स्वाभिमान समिति सामूहिक विवाह बौद्ध रीति-रिवाज के अनुसार कार्यक्रम हुआ सम्पन्न। बौद्ध रीति-रिवाज के अनुसार 11 जोड़ों ने वैवाहिक जीवन जीने का लिया संकल्प नव वर्ष पर नए जीवन की शुरुआत। उत्तर प्रदेश के पासी संगठनों ने लखनऊ का नाम बदले जाने के फरमान का किया विरोध। राष्ट्रीय अध्यक्ष को उन्नाव विधानसभा 164-मोहान अध्यक्ष अजय रावत के द्वारा चांदी का मुकुट पहनकर किया गया सम्मानित।
आवाज –ए– लखनऊ ~ संवाददाता – महेन्द्र कुमार
हसनगंज (उन्नाव)- विधानसभा 164 मोहान से महाराज लाखन पासी स्वाभिमान समिति के अध्यक्ष अजय रावत व उनके सहयोगी कार्यकर्ता बाबूलाल रावत के नेतृत्व में दो सैकड़ा पासी समाज के लोग नव वर्ष के अवसर पर सामूहिक विवाह कार्यक्रम बिजली पासी किला बंग्ला-बाजार आशियाना लखनऊ पहुंचकर मनाया समिति के पदाधिकारी का जन्म उत्सव। बिजली पासी किला पर बौद्ध रीति-रिवाज के अनुसार 11 जोड़ों ने वैवाहिक जीवन की शुरुआत वर-वधू को समिति की ओर से आवश्यकता अनुसार उपहार भेंट करके राष्ट्रीय अध्यक्ष समेत पदाधिकारियों ने दिया आशीर्वाद बताते चले जो काम मौजूदा सरकारों को करना चाहिए बीते कई वर्षों से लगातार डॉक्टर मोहनलाल पासी स्वयं व अपनी समिति के सहयोग से करते आ रहे हैं सामूहिक मांगलिक विवाह कार्यक्रम।
मुख्य अतिथि के रूप में डॉक्टर मोहनलाल पासी का बिजली पासी किला पर हुआ आगमन फूल-माला समेत चांदी का मुकुट पहनकर राष्ट्रीय अध्यक्ष डॉ मोहनलाल पासी का उन्नाव 164-विधानसभा मोहान अध्यक्ष अजय रावत ने किया सम्मानित।
वही प्रदेश अध्यक्ष डीपी रावत ने दूर-दूर से आए हुए बिजली पासी किला बंग्ला-बाजार आशियाना में अतिथियों का दिल से बहुत-बहुत आभार व्यक्त करते हुए कहा यह किला हमारे पुरखों की निशानी है जो कभी हमारे भारत देश के राजा हुआ करते थे उन्होंने देश की एकता व सनातन धर्म को बचाने में अंग्रेजों से लड़ते हुए अपने जीवन की की कुर्बानी दे दी लेकिन गुलामी स्वीकार नहीं की देश की आन-बान , शान के लिए चाहे वह महाराज सुहेलदेव पासी हो या लाखन पासी हो व बिजली पासी , सातन पासी , कंशा पासी , सहित तमाम राजाओं ने एकता कायम करते हुए सैयद सलवार मसूद गाजी को मूली गाजर की तरह काटा था ।
वही इतिहास के पन्नों में प्रथम स्वतंत्रता संग्राम की महानायिका वीरांगना ऊदा देवी ने 36 अंग्रेजों को मारकर शहीद हुई थी कहा अब जरूरत है पासी समाज को समानता व अपने अधिकारों एवं बाबा साहब की बताए हुए रास्ते पर चलकर शिक्षित और संगठित होने की। प्रदेश अध्यक्ष डी.पी. रावत समेत पासी संगठनों ने व समिति के पदाधिकारियों ने सरकार द्वारा लखनऊ के नाम बदलने वाले फरमान का किया विरोध कहा यदि लखनऊ का नाम बदल गया तो होगा बड़ा आंदोलन। पाठ्य-पाठन में पासी समाज के महापुरुषों के इतिहास को जोड़े जाने की सरकार से की अपील की साथ ही रेजीमेंट की स्थापना करने की राखी बात मौके पर डॉ मोहनलाल पासी संस्था संचालक प्रदेश अध्यक्ष डी.पी. रावत , अनिल पासी, सदगुरु शरन , पूर्व जिला पंचायत सदस्य सुरेश रावत, पूर्व पार्षद संजय रावत ,डा ० उमाकांत पासवान, दीपक पासवान , डॉक्टर सूरज पासी, बाल गोविंद , राजकुमार इतिहासकार , राम तीरथ परमहंस पूर्व डीआईजी, बाबूलाल , अजय रावत , धर्मेंद्र कुमार रावत , शिव बालक रावत , विष्णु रावत , शिवरतन रावत , पत्रकार बंधुओ समेत हजारों की संख्या में बिजली पसी किला पर समिति के कार्यकर्ता व पासी समाज के लोग रहे मौजूद।