भारत को साल के अंत तक मिल जाएगा एस-400 मिसाइल सिस्टम, और मजबूत हो जाएगी मारक क्षमता

जमीन से हवा में मार करने वाली इस प्रणाली के मिलने से भारत की मारक क्षमता और मजबूत हो जाएगी। भारत ने रूस से 5.43 अरब डालर (करीब 40 हजार करोड़ रुपये) में पांच एस-400 रेजीमेंट खरीदने के लिए अक्टूबर 2019 में समझौता किया था।

 

मास्को, भारत को इस वर्ष के अंत तक रूसी मिसाइल रक्षा सिस्टम एस-400 मिलने जा रहा है। जमीन से हवा में मार करने वाली इस प्रणाली के मिलने से भारत की मारक क्षमता और मजबूत हो जाएगी। भारत ने रूस से 5.43 अरब डालर (करीब 40 हजार करोड़ रुपये) में पांच एस-400 रेजीमेंट खरीदने के लिए अक्टूबर, 2019 में समझौता किया था।

भारतीय सैनिकों को किया जा रहा प्रशिक्षित

इंटरनेशनल मिलिट्री-टेक्नीकल फोरम ‘आर्मी-2021’ को संबोधित करते हुए अल्माज एंटे के डिप्टी सीईओ वाचेस्लाव डिजिरकलन ने सोमवार को कहा, ‘मैं इस बात की पुष्टि कर सकता हूं कि तय कार्यक्रम और समझौते के तहत हम 2021 के अंत तक इस सिस्टम की आपूर्ति शुरू कर देंगे।’ उन्होंने बताया कि एस-400 सिस्टम को संचालित करने के लिए भारतीय सैनिकों को प्रशिक्षित किया जा रहा है। वाचेस्लाव ने कहा, ‘भारतीय विशेषज्ञों के पहले समूह का प्रशिक्षण पूरा हो गया है। जबकि दूसरे समूह का प्रशिक्षण चल रहा है। मैं इनकी संख्या नहीं बता सकता हूं।’

मध्य 2023 तक मिलेगा रूसी युद्धपोत क्रिवाक

भारत को रूसी क्रिवाक श्रेणी के पहले दो युद्धपोत मध्य 2023 तक मिलेंगे। रूस की राजधानी मास्को में लगी हथियारों की प्रदर्शनी इंटरनेशनल मिलिटरी-टेक्निकल फोरम ‘आर्मी-2021’ में यूनाइटेड शिपबिल्डिंग कार्पोरेशन के सीईओ एलेक्सी राखमनोव ने बताया कि रूस द्वारा निर्मित क्रिवाक श्रेणी के पहले दो स्टील्थ फ्रिगेट की आपूर्ति मध्य 2023 तक होने की संभावना है। कोरोना महामारी के चलते निर्माण कार्य में देरी हुई। भारत ने रूस के साथ वर्ष 2016 क्रिवाक या तलवार श्रेणी के चार युद्धपोतों के लिए करार किया था। इनमें से दो फ्रिगेट सीधे रूस से मिलेंगे और दो का निर्माण गोवा शिपयार्ड लिमिटेड द्वारा किया जाएगा।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *