नीति आयोग के सीईओ अमिताभ कांत ने कहा कि भारत को 2047 तक उच्च आय वाला देश बनने की महत्त्वाकांक्षा रखनी चाहिए। उन्होंने कहा कि इसके निरंतर आर्थिक विकास और निजी क्षेत्र की शक्ति का उपयोग करने की जरूरत है।
नई दिल्ली, पीटीआइ। नीति आयोग के सीईओ अमिताभ कांत ने बुधवार को कहा कि भारत को 2047 तक उच्च आय वाला देश बनने की महत्त्वाकांक्षा रखनी चाहिए और इसके लिए साल दर साल निरंतर आर्थिक विकास की जरूरत होगी। कांत ने आगे कहा कि अगर भारत अपने निजी क्षेत्र की शक्ति का उपयोग करेगा तो देश विकसित होगा। उन्होंने कहा, “हमारी प्रति व्यक्ति आय लगभग 2,000 अमरीकी डालर है। भारत एक निम्न मध्यम आय वाला देश है।
उन्होंने एक कार्यक्रम में कहा, “हमारी महत्त्वाकांक्षा 2047 तक उच्च आय वाला देश बनने की होनी चाहिए और इसके लिए साल दर साल निरंतर विकास की जरूरत है।” कांत ने कहा कि 1947 में दक्षिण कोरिया, चीन और भारत की प्रति व्यक्ति आय कमोबेश बराबर होगी। उन्होंने कहा कि दक्षिण कोरिया की प्रति व्यक्ति आय भारत से 7 गुना है।
इस बात पर ध्यान खींचते हुए कि चीन और दक्षिण कोरिया ने साल दर साल 10 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की है, कांत ने कहा, “अगर भारत उच्च दर से नहीं बढ़ेगा तो यह कम आय वाले विकास परिदृश्य में फंस जाएगा।” नीति आयोग के सीईओ ने अफसोस जताया कि नौकरशाहों ने व्यवसायों के विकास को मुश्किल बना दिया है।
उन्होंने कहा, “हमने ऐसे नियम और कानून बनाए हैं, जिन्होंने उद्यमिता को मार डाला है।” उन्होंने कहा कि नौकरशाहों को सार्वजनिक-निजी भागीदारी परियोजनाओं और डी-रिस्क परियोजनाओं के पुनर्गठन की कला सीखनी चाहिए तथा निजी क्षेत्र से अधिक भागीदारी सुनिश्चित करनी चाहिए।
गौरतलब है कि इससे पहले तीन अप्रैल को नीति आयोग के उपाध्यक्ष राजीव कुमार ने कहा था कि भारतीय अर्थव्यवस्था एक बड़े आर्थिक पुनरुद्धार के ‘मुहाने’ पर है और पिछले सात साल के दौरान सरकार द्वारा किए गए उपायों से एक मजबूत आर्थिक बुनियाद रखी गई है।
उन्होंने कहा था कि भारत 2022-23 में 7.8 प्रतिशत की वृद्धि दर हासिल कर सकता है। ऐसे में कहा जा सकता है कि आगामी वर्षों में अर्थव्यवस्था में तेज वृद्धि के लिए एक मजबूत बुनियाद रखी जा रही है।