मऊ में छत से सरिया पर गिरा मासूम, पेट में आरपार हुई सात फीट सरिया, बीएचयू में मौत को दी मात

मऊ जिले में छत से गिरे मासूम के पेट में सात फीट की सरिया आरपार हो गई थी। हादसे के बाद परिजन बच्‍चे को लेकर ट्रामा सेंटर बीएचयू वाराणसी पहुंचे तो डाक्‍टरों की टीम ने उसकी जान बचा ली।

 

वाराणसी, ”जाको राखे साईयां मार सके ना कोय” यह कहावत रानपुरी मऊ निवासी श्याम कुमार के पांच वर्षीय बेटे प्रांजल पर सटीक बैठ रही है। प्रांजल छत पर खेलते समय गिरा तो बगल के घर में बीम के लिए छोड़ी गई सरिया में धंस गया। करीब सात फीट सरिया पेट के आरपार हो गई। बेहोश होने के कारण वह सरिया में फंस कर वह काफी देर तक झूलता रहा। एक पड़ोसी महिला ने देखा तो शोर मचाया।

बच्चे की स्थित को देखकर हर किसी का कलेजा मुंह को आ गया। परिजनों ने ग्रामीणों की मदद से तत्काल गैस कटर मशीन मंगाई। इसके बाद छह फीट सरिया के साथ काटकर बच्चे को नीचे उतारा गया। इसके बाद दोनों से तरफ से सरिया काटकर तीन फीट छोड़ा गया। बच्चे को जब बीएचयू के ट्रामा सेंटर में लाया गया तो तत्काल आपरेशन किया गया, चिकित्सकों की कड़ी मशक्कत के बाद प्रांजल ने मौत को मात दी है। सारी दवाएं, उपकरण सेंटर की ओर से मुफ्त में मुहैया कराई गई।

प्रांजल को लेकर परिजन मंगलवार की रात करीब साढ़े नौ बजे चिकित्सा विज्ञान संस्थान, बीएचयू के ट्रामा सेंटर पहुंचाया। यहां आचार्य प्रभारी प्रो. सौरभ सिंह के निर्देश पर रेड एरिया में तत्काल उपचार शुरू किया गया। साथ ही बाल शल्य विभाग के अध्यक्ष डा. वैभव पांडेय को सूचना दी गई। चिकित्सकों व अन्य पैरा मेडिकल स्टाफ की तत्परता से बच्चे को मात्र एक घंटे में ही करीब साढ़े 10 बजे ओटी में शिफ्ट किया गया। बच्चा बेहोश था और उसकी पल्स व बीपी ठीक नहीं थी। स्थिति में सुधार आने पर लगातार दो घंटे यानी साढ़े 12 बजे तक आपरेशन किया गया।

एडवांस वेसेल सीलर मशीन से बची जानडा. वैभव पांडेय ने बताया कि यहां की ओटी में उपलब्ध एडवांस वेसेल सीलर मशीन बच्चे की जान बचाने में काफी मददगार हुई। कारण कि इस मशीन से कम समय में बिना अधिक खून बहाव के ही बेहतर आपरेशन संभव हुआ। आपरेशन के लिए दवाएं, उपकरण या अन्य सामग्री व पैसा जमा कराने के झंझट व भाग दौड़ नहीं करनी पड़ी। इस आपरेशन में डा. सुनील, डा. रजत, डा. सेठ, डा. मंजरी मिश्रा, डा. आमीर, डा. अनुईया आदि शामिल थी। प्रांजल के पिता श्याम कुमार ने बताया कि ट्रामा सेंटर में आने के बाद बेटे की जान बच गई। यह बेटा चार बेटियों के बाद है। यहां आपरेशन में पैसा भी नहीं लगा।

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