महर्षि वाल्मीकि की जयंती के अवसर पर सदर कैंट में प्रतिमा पर माल्यार्पण करके श्रद्धा सुमन अर्पित किया।

देश के रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने लोगों को संबोधित करते हुए कहा कहा कि आदि कवि महर्षि वाल्मीकि ने रामायण की रचना करके भगवान राम के चरित्र का जिस प्रकार वर्णन किया है महर्षि वाल्मीकि को किसी भी जाति से जोड़कर नहीं देखा जाना चाहिए ।

आवाज –ए–लखनऊ ~ लखनऊ। देश के रक्षा मंत्री लखनऊ के सांसद राजनाथ सिंह कल अपने संसदीय क्षेत्र लखनऊ के दो दिवसीय दौरे पर लखनऊ पहुंचे रक्षामंत्री सर्वप्रथम आदि कवि महर्षि वाल्मीकि की जयंती के अवसर पर सदर कैंट में आयोजित कार्यक्रम में सम्मिलित हुए और महर्षि वाल्मीकि की प्रतिमा पर माल्यार्पण व पुष्पांजलि अर्पित की और बाल्मीकि जयंती की हार्दिक शुभकामनाएं दी इस अवसर पर लखनऊ महानगर अध्यक्ष आनंद द्विवेदी महापौर सुषमा खर्कवाल,सदस्य विधान परिषद मुकेश शर्मा मुख्य रूप से उपस्थित रहे।
राजनाथ सिंह ने वहां उपस्थित लोगों को संबोधित करते हुए कहा कहा कि आदि कवि महर्षि वाल्मीकि ने रामायण की रचना करके भगवान राम के चरित्र का जिस प्रकार वर्णन किया है सैकड़ो वर्षों से लगातार भगवान राम के उस चरित्र का मंचन किया जाता है महर्षि वाल्मीकि के भगवान राम आज करोड़ों लोग जो भारत की सीमा में रहने वाले हैं व जो भारत की सीमा के बाहर दूसरे देशों में रहने वाले सबके लिए प्रेरणा के स्रोत हैं महर्षि वाल्मीकि ने जिस मर्यादा में भगवान राम के सम्बन्ध में व उनके जीवन लीला के संबंध में जो लिखा है वह अद्भुत है, बेजोड़ है भगवान राम को महर्षि वाल्मीकि ने इस रूप में चित्रित किया है जन्म से लेकर मरण तक यदि किसी का नाम लिया जाता है केवल भगवान राम का ही नाम लिया जाता है महर्षि वाल्मीकि ने उन्हें केवल राजा के रूप में ही नहीं बल्कि एक लोकनायक के रूप में लोगों के समक्ष प्रस्तुत करने का काम किया है इतना ही नहीं महर्षि वाल्मीकि के राम युगपुरुष है वह राम संस्कार पुरुष है वह राम अवतार पुरुष है वह राम मर्यादा पुरुषोत्तम है और वह राम धर्म की प्रतिमूर्ति है ऐसे राम का चित्रण महर्षि वाल्मीकि ने अपनी बाल्मीकि रामायण में किया है रक्षा मंत्री ने वाल्मीकि समाज के बारे में कहा कि मध्ययुगीन भारत में विदेशी आक्रमण करते थे पंथ परिवर्तन यानी धर्म परिवर्तन हो रहा था वाल्मीकि समाज एक ऐसा समाज रहा है जिसने किसी भी सूरत में पंथ परिवर्तन स्वीकार नहीं किया था ऐसा वाल्मीकि समाज रहा है जिसकी जितनी भी सराहना की जाए कम है।
उन्होंने कहा महर्षि वाल्मीकि को किसी भी जाति से जोड़कर नहीं देखा जाना चाहिए महर्षि वाल्मीकि जो भी भगवान राम के प्रति आस्था रखते हैं उन सबके हैं महर्षि वाल्मीकि जयंती पर आज जब मैं लखनऊ जा रहा हूं मैंने फैसला किया कि उनकी जयंती पर माल्यार्पण करके अपना श्रद्धा सुमन अर्पित करूंगा मौके पर लखनऊ महानगर उपाध्यक्ष सौरभ वाल्मीकी,राम सिंह बाल्मीकि,रूपा देवी बाल्मीकि,राजू वाल्मीकि,राहुल बाल्मीकि,मंडल अध्यक्ष रंजीता शर्मा,विनायक पांडे,पीयूष दीवान, सचिन वैश्य,पार्षद गण व बाल्मीकि समाज के लोग भारी संख्या में उपस्थित रहे।

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