महिलाओं को बिजली कनेक्शन में 33 प्रतिशत की छूट, दाखिल किया प्रस्ताव

संसद के दोनों सदनों में महिला आरक्षण बिल पास होने के बाद अब ऊर्जा विभाग में इसे लेकर नई बहस शुरू हो गई है। नए कनेक्शन लेने पर जमा होने वाली धनराशि में ग्रामीण महिलाओं को 33 फीसदी और शहरी को 15 फीसदी छूट देने की मांग तेज हो गई है। इसे लेकर राज्य उपभोक्ता परिषद ने बुधवार को नियामक आयोग में वितरण संहिता की धारा 1.3 (1) के तहत नया प्रावधान करने के लिए प्रस्ताव दाखिल कर दिया है।

 

लखनऊ ; उत्तर प्रदेश में अभी 3.35 करोड़ विद्युत उपभोक्ता हैं। इसमें करीब 10 फीसदी से कम महिला उपभोक्ता हैं। ऐसे में उपभोक्ता परिषद ने नियामक आयोग में दाखिल प्रस्ताव में दलील दी है कि प्रदेश में महिला सशक्तिकरण को ध्यान में रखते हुए कनेक्शन में महिलाओं की भागीदारी बढा़ई जाए। इलेक्ट्रिसिटी सप्लाई कोड पुनर्विलोकन पैनल के सदस्य की हैसियत से राज्य विद्युत उपभोक्ता परिषद नई कॉस्ट डाटा बुक में नया प्रावधान जोड़ने का प्रस्ताव रख सकता है।

इसी के तहत परिषद ने बुधवार को नियामक आयोग में प्रस्ताव दाखिल कर दिया है। इसमें मांग की है कि ग्रामीण क्षेत्र की गरीब महिलाओं को किसी भी प्रकार का नया कनेक्शन देने वक्त कनेक्शन फीस में 33 फीसदी और शहरी क्षेत्र की महिलाओं को 15 फीसदी की छूट दी जाए। साथ ही महिला कनेक्शनधारियों की अलग से गणना कराई जाए। ताकि वास्तविक स्थिति की पता चल सके।

प्रस्ताव पर मुहर लगी तो यूपी बनेगा पहला राज्य
राज्य उपभोक्ता परिषद के अध्यक्ष अवधेश कुमार वर्मा ने कहा कि यदि आयोग इस प्रस्ताव पर मुहर लगाता है तो उत्तर प्रदेश महिलाओँ को कनेक्शन में छूट देने वाला पहला राज्य बन जाएगा। परिषद जल्द ही इस मुद्दे पर मुख्यमंत्री और ऊर्जा मंत्री से भी मुलाकात करेगा। उत्तर प्रदेश सरकार से मांग करेगा कि विद्युत अधिनियम 2003 की धारा 108 के तहत महिलाओं को नए कनेक्शन में छूट देने के मामले में लोक महत्व का विषय मानते हुए विद्युत नियामक आयोग को निर्देश दे कि आयोग तत्काल इस प्रस्ताव पर नियमावली जारी करे।

अगले माह होगी बैठक
नई कॉस्ट डाटा बुक को लेकर पैनल सब कमेटी की बैठक अक्तूबर माह में होनी है। बैठक की अध्यक्षता विद्युत नियामक आयोग के अध्यक्ष करते हैं। इस बैठक में सदस्यों की ओर से रखे गए प्रस्ताव पर सुनवाई होती है। फिर नए प्रावधान पर आयोग फैसला सुनाता है। राज्य उपभोक्ता परिषद अध्यक्ष अवधेश कुमार वर्मा ने कहा कि उन्हें उम्मीद है कि आयोग इस मुद्दे पर गंभीरता से विचार करेगा।

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