बिजलीकर्मियों की 72 घंटे की सांकेतिक हड़ताल का असर पूरे प्रदेश में दिखने लगा है। कई जिलों में बिजली की समस्या से लोग त्राहि त्राहि कर रहे हैं। ऐसे में शासन एक्शन मोड में है। महोबा में 13 बिजली संविदाकर्मियों पर एस्मा के तहत मुकदमा दर्ज किया गया है।
महोबा, बिजली विभाग के आउटसोर्सिंग कर्मियों की ओर से मांगों को लेकर कार्य बहिष्कार किया जा रहा था। इससे कई जगहों की बिजली आपूर्ति प्रभावित हुई। जिलाधिकारी मनोज कुमार ने बिजली केंद्रों व उपकेंद्रों में जाकर व्यवस्था का जायजा लिया था। पिछले दो दिनों के अंदर 13 संविदा कर्मचारियों की सेवा समाप्त की जा चुकी है। इन सभी संविदा के 13 कर्मचारियों पर एसी (अधीक्षण अभियंता) की तहरीर पर एस्मा (आवश्यक सेवाओं का अनुरक्षण अधिनियम) के तहत मुकदमा दर्ज कर लिया गया है।
जिले से एक सौ से अधिक कर्मचारियों के नाम भेजे गए हैं। बिजली कर्मचारी लगातार हड़ताल पर बैठे हुए हैं। वहीं इस हड़ताल के कारण बिजली आपूर्ति प्रभावित न हो इसके लिए डीएम मनोज कुमार ने जिला स्तर पर 28 टीमों को निगरानी के लिए लगाया है। यह टीमें जिले के सभी 26 सब स्टेशन पर नजर बनाए हुए हैं। वहीं दो टीमों में एक स्टोर पर नजर रखने के लिए तैनात है तो दूसरी टीम वर्कशाप की निगरानी कर रही है। शनिवार की रात महोबकंठ क्षेत्र में सप्लाई का काम बाधित होने पर वहां संविदा कर्मचारियों को लगा कर काम कराया गया।
इसी तरह शहर के लगभग सभी स्टेशनों पर संविदा कर्मचारी रातदिन ड्यूटी कर रहे हैं। यही कारण रहा कि शहर की सप्लाई पर खास फर्क नहीं पड़ा है। वहीं बिजली विभाग के कर्मचारी अभी भी धरना प्रदर्शन कर रहे हैं। बिजली विभाग के एसी (अधीक्षण अभियंता) आरएस गौतम ने बताया कि हड़ताल करने वाले बिजली कर्मचारियों के नामों की सूची शासन की ओर से मांगी गई थी। उनके नाम लिख कर सूची तैयार करके शासन को भेजा गया है।