कानपुर की डीसीपी साउथ आइपीएस रवीना त्यागी ने किदवई नगर के ब्लॉक के वृद्धाश्रम में बुजुर्गों से तकलीफें साझा की और कोविड नियमों की जानकारी देते हुए पालन करने को कहा। साथ ही वैक्सीनेशन के बारे में भी जानकारी ली।
कानपुर, कोविड संक्रमण काल में पुलिस विभाग में कार्यरत कई अफसर और कर्मचारी अपने परिवार से बहुत दूर हैं। इन हालातों में सभी को अपने परिवार की याद आ रही है। शहर की तेज तर्रार आइपीएस को भी शनिवार को माता-पिता की याद आई तो वह एक बेटी बनकर किदवई नगर स्थित वृद्धाश्रम पहुंच गईं और बजुर्गों से मन की बात साझा की। उनकी बातें सुनकर बुजुर्गों की आंखें भींग गईं तो आइपीएस भी भावुक हो गईं। उन्होंने माता-पिता के सामान सभी बजुर्गों को कोरोना संक्रमण के बारे में जानकारी देते हुए मास्क पहनने समेत बचाव के उपायों का पालन करने को कहा। साथ ही वैक्सीनेशन की भी जानकारी ली।
वर्दी पहनने के बाद जिम्मेदारियां बढ़ जाती हैं। अपनों से दूर रहकर अपनी जिम्मेदारियों को पूरा करना भी कठिन है। क्योंकि वर्दी के पीछे भी इंसान ही है और उसकी भी अपनी संवेदनाएं होती है। जिम्मेदारियों को पूरा करने में परिवार के लिए वक्त बहुत ही कम निकल पाता है। कभी फोन पर बात करके तो कभी वीडियोकॉल करके अपनों का हाल जान लेते हैं। शहर में बतौर डीसीपी साउथ आइपीएस रवीना त्यागी को ड्यूटी करते हुए माता-पिता की याद आई तो वह हर बार की तरह फिर के-ब्लाक किदवई नगर के वृद्धाश्रम पहुंची। यहां अधिकारी नहीं एक बेटी बनकर उन्होंने सबसे हालचाल लिया और मन की बात साझा की।
वृद्धाश्रम में उन्होंने कोविड गाइड लाइन का पालन किया और पोर्च एरिया में सभी को शारीरिक दूरी का पालन कराते हुए बिठाया। उन्होंने कहा कि वैसे तो आप सभी से मेरा पुराना परिचय है। काफी समय बाद दोबारा सभी से मुलाकात हो रही है। कहा, ड्यूटी करते हुए मुझे अपने माता-पिता की याद आ रही थी। उनके पास पहुंचना संभव नहीं था इस लिए सोचा कि एक घर है जहां बहुत से माता-पिता मिलेंगे। इस लिए आप सबके बीच चली आई। डीसीपी की यह बात सुनकर कई बुजुर्गों की आंखे नम हो गईं तो डीसीपी भी भावुक हो गईं। उन्होंने सभी बुजुर्गों से उनके स्वास्थ्य और खानपान के बारे में पूछा। कोविड वैक्सीन के डोज के बारे में जानकारी ली तो 44 लोगों के वैक्सीनेशन की बात कही गई। करीब आधा घंटा उन्होंने बुजुर्गों के साथ बिताया। डीसीपी साउथ ने बताया कि वृद्धाश्रम में रहने वाले बुजुर्गों का ख्याल रखना ड्यूटी में शामिल है, यह भी मेरा एक परिवार है। समय-समय पर उनके बीच आकर लगता है कि परिवार के बीच में हैं।