वकील द्वारा मास्क पहनने के खिलाफ याचिका डालने से जज नाराज हो गए। उन्होंने वकील की याचिका खारिज करते हुए उन्ही पर 10 हजार रुपए का जुर्माना लगा दिया। तमिलनाडु सरकार के आदेश के खिलाफ डाली गई थी याचिका।
चेन्नई, एजेंसी। एक वकील को मास्क के खिलाफ याचिका लगाना उस समय भारी पड़ गया जब उसी पर कोर्ट ने जुर्माना ठोक दिया। दरअसल, मद्रास उच्च न्यायालय ने तमिलनाडु सरकार के आदेश के खिलाफ डाली गई एक जनहित याचिका (पीआईएल) को खारिज करते हुए यह कार्रवाई की है। याचिका मास्क न पहनने की जिद को लेकर दायर की गई थी। मुख्य न्यायाधीश मुनीश्वर नाथ भंडारी और न्यायमूर्ति एन. माला ने गुरुवार को यह आदेश पारित किया।
वकील ने किया था अटपटा दावाएडवोकेट एसवी राममूर्ति द्वारा दायर याचिका में यह दावा किया गया था कि मास्क पहनने से प्रतिकूल प्रभाव पड़ता है और लोग आक्सीजन को ठीक से नहीं ले पाते हैं। याचिकाकर्ता ने अपनी जनहित याचिका में राज्य के स्वास्थ्य विभाग द्वारा 12 जनवरी को जारी तमिलनाडु सरकार के एक आदेश और जारी किए गए एक अन्य आदेश को चुनौती दी थी।
कोर्ट ने वकील पर लगाया 1000 रुपये का जुर्मानाबता दें कि ग्रेटर चेन्नई कारपोरेशन ने 4 जुलाई को मास्क नहीं पहनने वालों पर 500 रुपये का जुर्माना लगाने का आदेश जारी किया है। जिसके खिलाफ वकील ने अदालत में याचिका डाली, जिसे खारिज कर कोर्ट ने वादी पर ही 10,000 रुपये का जुर्माना लगा दिया।
पिछले महीने ही सरकार ने जारी किया आदेशदेश में बढ़ते कोरोना मामलों को देखते हुए हाल ही में तमिलनाडु सरकार ने राजधानी चेन्नई में मास्क एक बार फिर अनिवार्य कर दिया गया है। राज्य में भी कोरोना मामलों को बढ़ते देख ग्रेटर चेन्नई कॉर्पोरेशन सक्रिय हो गया है। जारी आदेश के अनुसार अब मास्क न पहनने वालों पर 500 रुपये का जुर्माना लगेगा। जोन स्तर पर टीम गस्त करेगी और जुर्माना लगा सकती है। बता दें कि महाराष्ट्र, दिल्ली और केरल में भी कोरोना मामले लगातार बढ़ रहे हैं। इसी के चलते दिल्ली में भी मास्क अनिवार्य कर दिया गया है।