डाक्टरों द्वारा मरीजों से यह कहकर बाहर की दवा लिखी जाती है कि अस्पताल में उपलब्ध नहीं है बाद अस्पताल की दवा को आग के हवाले कर दिया जाता है।
आवाज — ए — लखनऊ (संवाददाता) महेन्द्र कुमार
उन्नाव ब्लाक मियागंज की सीएचसी मियागंज में काफी दिनों से प्रसव कक्ष में वसूली का सिलसिला चल रहा है जिसकी शिकायत ग्रामीणों द्वारा उच्चाधिकारियों से की गयी इसी सम्बन्ध में जांच करने पहुंचे एसीएमओ डा एच एन प्रसाद ने सीएचसी की साफ सफायी के लिये प्रभारी को आवश्यक दिशा निर्देश दिये मरीजों से उनका हाल जाना अवैध वसूली की शिकायत पर गर्भवती महिलाओं से बात की वहीं अस्पताल में कोविड रैपिड एंटीजन जांच की हजारों की संख्या में किटें जली पडी मिली जिनको स्वयं उन्होंने उठाकर देखा उसमें एक्सपायरी डेट दो हजार चौबीस पड़ी थी और दो गत्ते दवा से भरे अधजले पड़े थे जिनमें अधजले पत्ते उठाकर एसीएमओ ने देखे जिसमें एक्सपायरी दो हजार तेइस पड़ी है यह देख प्रभारी दूधनाथ व चीफ फार्मासिस्ट को जमकर फटकार लगाते हुये कहा कि यूज करने वाली दवायें गरीबों वितरण के लिये सरकार द्वारा उपलब्ध करायी जाती है और आप लोग लाखों की दवा किसके कहने से जलायी गयी उन्होंने कहा कि इसका जिम्मेदार को जवाब देना पड़ेगा कुछ अधजले दवा के पत्ते अपने साथ ले गये वैसे भी मियागंज सीएचसी सदैव चर्चा में रहा चाहें वो कोविड वैक्सीन के चार हजार डोज का मामला हो या प्रसव कक्ष की वसूली या डाक्टरों द्वारा बाहर से दवा लिखने का काम हो देखना यह है कि पिछली बार भी डीएम द्वारा तीन सदस्यीय टीम गठित कर जांच करायी गयी थी
जिसमें स्टाफ नर्सों को दोषी पाया गया था डीएम ने कार्यवाही के निर्देश दिये थे लेकिन खाऊं कमाऊ नीति के चलते मामले को अधिकारियों द्वारा ठंडे बस्ते में डाल कर आरोपी स्टाफ नर्सों को लूटने की खुली छूट दे गयी
डाक्टरों द्वारा मरीजों से यह कहकर बाहर की दवा लिखी जाती है कि अस्पताल में उपलब्ध नहीं है बाद अस्पताल की दवा को आग के हवाले कर दिया जाता है यह एक गंभीर जांच का विषय है आखिर लाखों रूपये की दवा क्यों जलायी गयी।