टीम इंडिया के तेज गेंदबाज शार्दुल ठाकुर पिछले कुछ समय से काफी चर्चा में रहे हैं। ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ चार टेस्ट मैच की सीरीज के आखिरी मैच में शार्दुल ने ब्रिसबेन के गाबा मैदान पर पहली पारी में 67 रनों की अहम पारी खेली थी, जिसके दम पर टीम इंडिया ने जीत की नींव रखी थी। शार्दुल ने बल्लेबाजी के दौरान ऑस्ट्रेलिया के पेस अटैक का सामना किया था, जिसे दुनिया के बेस्ट पेस अटैक में से एक माना जाता है। जोश हेजलवुड, पैट कमिंस और मिचेल स्टार्क जैसे गेंदबाजों के खिलाफ शार्दुल ने अपनी बल्लेबाजी से काफी प्रभावित किया था। शार्दुल ने भारत लौटने के बाद कहा कि मुंबई की लोकल ट्रेन में सीट मिलना दुनिया के दिग्गज तेज गेंदबाजों का सामना करने से भी ज्यादा मुश्किल है।
ऑस्ट्रेलिया में हाल में खत्म हुई बॉर्डर-गावस्कर सीरीज से पहले शार्दुल के पास महज एक टेस्ट मैच का अनुभव था, लेकिन उन्होंने जिस तरह से ऑस्ट्रेलिया में बैट और बॉल से प्रभावित किया, उससे कई दिग्गज क्रिकेटर्स प्रभावित हुए। उनकी ऑल-राउंडर स्किल्स निर्णायक टेस्ट मैच में टीम इंडिया के लिए काफी अहम साबित हुई थी। शार्दुल ने पहली पारी में 115 गेंदों का सामना किया था, जिसमें 9 चौके और दो छक्के शामिल थे। शार्दुल महाराष्ट्र के पालघर के रहने वाले हैं और उन्होंने अपने बचपन के दिनों से मुंबई की लोकल ट्रेन में काफी सफर किया है। अभी भी उन्हें लोकल ट्रेन में सफर करने में कोई शर्म नहीं आती है।
इंडियन एक्सप्रेस को दिए इंटरव्यू में जब शार्दुल से पूछा गया कि क्या मुंबई लोकल ट्रेन में सीट मिलना दुनिया के दिग्गज तेज गेंदबाजों का सामना करने से मुश्किल है, तो उन्होंने कहा, ‘मुंबई लोकल ट्रेन में सीट मिलना ज्यादा मुश्किल है, इसके लिए आपको स्किल और टाइमिंग दोनों चाहिए। तेज गेंदबाजों का सामना करना फिर भी बहुत आसान है। मुझे तेज गेंदबाजों का सामना करना हमेशा से बहुत पसंद है। मुझे कभी भी स्पीड से डर नहीं लगता है। मुझे 145 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से ज्यादा की गेंद का सामना करने से भी डर नहीं लगता। ऐसा शायद इसलिए है कि मेरा क्रिकेट करियर ही ऐसे शुरू हुआ। पालघर की पिचों में असामान्य उछाल होता था तो यह मेरे खेल में अपने आप आ गया। इसके अलावा टीम इंडिया के लिए प्रैक्टिस करते समय मैं थ्रोडाउन स्पेशलिस्ट का सामना खूब करता हूं, तो मुझे तेज गेंदबाजों को खेलने की आदत है।’