थानों में पुलिसकर्मी अब फरियादियों से मित्र की तरह मिलेंगे। उनकी आवभगत भी की जाएगी। एसएसपी ने सभी थाना प्रभारियों को एक-एक हजार रुपये दिए हैं ताकि फरियादियों को चाय-नाश्ता कराया जा सके। इसके अलावा नौचंदी थाने में भी एक नई व्यवस्था हुई है।
मेरठ। थानों में पुलिसकर्मी अब फरियादियों से मित्र की तरह मिलेंगे। उनकी आवभगत भी की जाएगी। एसएसपी ने सभी थाना प्रभारियों को एक-एक हजार रुपये दिए हैं, ताकि फरियादियों को चाय-नाश्ता कराया जा सके। इसके अलावा नौचंदी थाने में भी एक नई व्यवस्था हुई है। अब दारोगा निजी गाड़ी की जगह बाइक पर क्षेत्र में घूमेंगे, ताकि उनकी मौजूदगी दिखती रहे।
पुलिस का रवैया कई बार फरियादियों को टालने वाला होता है। नए कप्तान प्रभाकर चौधरी ने इसमें सुधार की पहल की है। इसके तहत उन्होंने जिले के सभी थाना प्रभारियों को एक-एक हजार रुपये दिए हैं, ताकि थाने में आने वाले सभी फरियादियों को चाय-नाश्ता कराया जाए। उनके साथ मित्र जैसा व्यवहार किया जाए। समस्या को बैठकर सुनें और जल्द समाधान का प्रयास करें। एसएसपी का कहना है कि शिकायत लेकर थाने में आने वाले लोगों से जब पुलिसकर्मी प्यार से बात करते हैं, तो आधी दिक्कत वहीं खत्म हो जाती है। सभी पुलिसकर्मियों से बेहतर व्यवहार करने के लिए कहा गया है।
मुहर नहीं, लिखना ही पड़ेगा
पुलिस मुख्यालय से बड़ी संख्या में पत्रचार होता है। इसके साथ ही जिलास्तर पर भी पत्रवलियां चलती हैं, जो थानों में पहुंचती हैं। अक्सर उन पर मुंशी ही अलग-अलग मुहर लगाकर प्रभारी से हस्ताक्षर करा लेते थे। लेकिन, अब ऐसा नहीं चलेगा। नए आदेश के तहत थाना प्रभारी को पत्र पर लिखना होगा, जिसके लिए उसे अग्रसारित किया जाएगा। इसका उद्देश्य यह है कि सभी पत्र प्रभारी के संज्ञान में रहें, ताकि जब उनसे कुछ पूछा जाए तो वह तुरंत ही मामले से अवगत करा दें।
गाड़ी से नहीं बाइक से घूमेंगे दारोगा जी
बदलाव की बयार के क्रम में नौचंदी थाने में भी नई शुरुआत की गई है। थाना प्रभारी प्रेमचंद शर्मा ने सभी उप निरीक्षकों से क्षेत्र में गाड़ी से नहीं बाइक से घूमने के लिए कहा है। उनका कहना है कि गाड़ी में पुलिस की मौजूदगी नहीं दिखती, जबकि बाइक से पुलिसकर्मी दूर से ही दिखाई दे जाता है। इससे आपराधिक वारदात को अंजाम देने के लिए खड़ा बदमाश भाग जाता है। दूसरे थाना क्षेत्रों में कार्य के सिलसिले में जाने पर भी बाइक के इस्तेमाल के लिए कहा है।