मोदी के ‘मन की बात’ की उर्दू में छपी किताब, मुसलमानों को BJP के करीब लाने की कोशिश में जुटा अल्पसंख्यक मोर्चा

भाजपा का अल्पसंख्यक मोर्चा प्रदेश में लोकसभा चुनाव से पहले मुसलमानों को बीजेपी के करीब लाने के ल‍िए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के मन की बात कार्यक्रम का सहारा ल‍िया है। विमोचन से पहले क‍िताब को मुस्लिम उलमा व विद्वानों को किताब भेजकर प्रतिक्रिया ली जा रही है।

 

लखनऊ,  पसमांदा मुसलमानों के जरिये मुस्लिम समुदाय में पैठ बनाने की कोशिश के बाद भाजपा अब इस उद्देश्य से और नए प्रयोग करने जा रही है। प्रदेश भाजपा का अल्पसंख्यक मोर्चा प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के मन की बात कार्यक्रमों के संकलन के उर्दू अनुवाद को किताब की शक्ल देकर उसे मुस्लिम उलमा व विद्वानों और समुदाय को भेजा जा रहा है।

अगले वर्ष होने वाले लोक सभा चुनाव के दृष्टिगत मुसलमानों को भाजपा के करीब लाने की कोशिश के तौर पर देखा जा रहा है। भाजपा अल्पसंख्यक मोर्चा ने वर्ष 2022 में प्रधानमंत्री के मन की बात कार्यक्रमों को संकलित कर उनका उर्दू में अनुवाद कराया है और इसे 114 पन्नों की किताब की शक्ल दी है। इस किताब को मुस्लिम विद्वानों व उलमा को भेजकर उस पर उनकी प्रतिक्रियाएं ली जा रही हैं।

 

मकसद है कि मोदी के विचारों और उनके नेतृत्व में चल रही केंद्र की भाजपा सरकार की उपलब्धियों को मुस्लिम समुदाय के चिंतनशील लोगों तक पहुंचाया जाए। जब मोदी के विचारों और उनकी अगुआई वाली सरकार के काम पर मुस्लिम विद्वानों की मुहर लगेगी तो मुसलमानों के बीच उसकी स्वीकार्यता भी ज्यादा होगी।

 

भाजपा अल्पसंख्यक मोर्चा के प्रदेश अध्यक्ष कुंवर बासित अली ने बताया कि मन के बात के संकलन रूपी किताब का जल्द विमोचन कराया जाएगा। अभी किताब को मुस्लिम विद्वानों व उलमा को भेजा जा रहा है। उनके संदेशों को भी किताब में शामिल किया जाएगा। विमोचन जल्द पार्टी संगठन के वरिष्ठ पदाधिकारी से कराने की तैयारी है। बाद में किताब मुस्लिम समुदाय के बीच बांटी जाएगी।

 

बासित का मानना है कि प्रधानमंत्री के मन की बात कार्यक्रम को विभिन्न समुदायों और आयु वर्ग के लोग चाव से सुनते हैं। लोगों के बीच प्रधानमंत्री की विशेष अपील, स्वीकार्यता और प्रभाव है। भाजपा के खेवनहार के रूप में जब उनके विचार उर्दू में छपी किताब की शक्ल में मुस्लिम बिरादरी के पास पहुंचेंगे तो भाजपा को लेकर मुसलमानों के बीच फैली तमाम भ्रांतियां भी दूर होंगी।

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