मोहन भागवत ने कहा कि केंद्र सरकार को उनका संगठन कंट्रोल नहीं करता है। दरअसल एक कार्यक्रम के दौरान एक प्रश्न का उत्तर देते हुए उन्होंने यह जवाब दिया। मोहन भागवत ने क्या सरकार को चलाने का असल रिमोट कंट्रोल राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के पास है? पर जवाब दिया
नई दिल्ली, आरआरएस प्रमुख मोहन भागवत ने कहा कि केंद्र सरकार को उनका संगठन कंट्रोल नहीं करता है। दरअसल, एक कार्यक्रम के दौरान एक प्रश्न का उत्तर देते हुए उन्होंने यह जवाब दिया। मोहन भागवत ने ‘क्या सरकार को चलाने का असल रिमोट कंट्रोल राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) के पास है? के सवाल पर जवाब दिया।
भागवत ने कहा कि मीडिया में आरआरएस को सरकार के रिमोट कंट्रोल के रूप में पेश किया जाता है, जो बिलकुल सच नहीं है। धर्मशाला में पूर्व सैनिकों को संबोधित करते हुए कहा, ‘मीडिया हमें सरकार के रिमोट कंट्रोल के रूप में पेश करता है लेकिन यह असत्य है। हालांकि, हमारे कुछ कार्यकर्ता सरकार का हिस्सा जरूर हैं।’ आगे उन्होंने कहा कि लोग हमसे पूछते हैं कि हमें सरकार से क्या मिलता है। उनके लिए मेरा यही उत्तर है कि हमारे पास जो कुछ भी है उसे हमें खोना भी पड़ सकता है।’
इलाज की प्राचीन भारतीय पद्धतियों पर प्रकाश डालते हुए मोहन भागवत ने कहा, ‘हमें हमारे पारंपरिक भारतीय उपचार जैसे काढ़ा जैसी चीजों का इस्तेमाल बढ़ाना होगा। क्योंकि कोरोना काल में इनकी उपयोगिता पूरी दुनिया ने देखी है। अब पूरी दुनिया का इस भारतीय माडल का अनुकरण करना चाहती है। हमारा देश भले ही विश्व शक्ति न बने, लेकिन विश्व गुरु जरूर बन सकता है।’ उन्होंने एकता का आह्वान करते हुए कहा कि भारत की अविभाजित भूमि सदियों से विदेशी आक्रमणकारियों के साथ कई लड़ाई हार गई क्योंकि स्थानीय आबादी एकजुट नहीं थी। उन्होंने समाज सुधारक डा.बी आर आंबेडकर का हवाला देते हुए कहा, ‘हम कभी किसी की ताकत से नहीं, बल्कि अपनी कमजोरियों से हारतें हैं।’
बता दें कि मोहन भागवत ने चीफ आफ डिफेंस स्टाफ (CDS) जनरल बिपिन रावत और 13 अन्य लोगों की याद में एक मिनट का मौन रखा। हाल ही में जनरल रावत और सैनिकों की तमिलनाडु के कुन्नूर के पास हेलीकाप्टर हादसे में निधन हो गया था। सूत्रों के मुताबिक मोहन भागवत हिमाचल प्रदेश के पांच दिवसीय दौरे पर हैं। वह तिब्बती आध्यात्मिक गुरु दलाई लामा से मुलाकात कर सकते हैं।