अमेरिकी विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन ने फलस्तीनी क्षेत्र को चार करोड़ डालर की सहायता का एलान किया। उन्होंने आश्वासन दिया है कि वह अंतरराष्ट्रीय स्तर पर यह कोशिश करेंगे कि आतंकी संगठन हमास तक कोई सहायता नहीं पहुंचे।
यरुशलम, एजेंसियां। अमेरिकी विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन ने फलस्तीन में एक कूटनीतिक दफ्तर खोलने की योजना बनाई है। साथ ही करीब चार करोड़ डालर (करीब 2.90 अरब रुपये) की नई सहायता राशि देने का एलान किया है जिसे पहले ट्रंप प्रशासन ने रोक दिया था।
यरुशलम की अपनी पहली आधिकारिक यात्रा के दौरान ब्लिंकन ने कहा कि अमेरिका इजरायल और फलस्तीन में से किसी की भी ओर से दो देशों के सहअस्तित्व के विचार को कम करने या नहीं मानने के विरुद्ध है। ऐसी किसी भी एकतरफा कार्रवाई का अमेरिका विरोध करेगा। उन्होंने इजरायल और फलस्तीन के नेताओं से मुलाकात की। उन्होंने आश्वासन दिया कि वह अंतरराष्ट्रीय स्तर पर यह कोशिश करेंगे कि आतंकी संगठन हमास तक कोई सहायता नहीं पहुंचे।
उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के मुकाबले मौजूदा राष्ट्रपति जो बाइडन क्षेत्र के लिए अधिक खुले दिल से काम करेंगे। ब्लिंकन ने पश्चिमी तट में फलस्तीनी राष्ट्रपति महमूद अब्बास से मुलाकात के बाद कहा कि मैंने राष्ट्रपति से कहा कि अमेरिका फलस्तीनी प्रशासन और फलस्तीनी लोगों से संबंध को फिर से स्थापित करना चाहता है। यह संबंध आपसी आदर और साझा प्रतिबद्धता से निभाया जाएगा। उन्होंने कहा कि बाइडन प्रशासन का मानना है कि फलस्तीनियों और इजरायलियों को समान रूप से सुरक्षा, आजादी, अवसर और सम्मान मिलना चाहिए।
उन्होंने सहयोग को सांकेतिक रूप से परिभाषित करते हुए कहा कि वह यरुशलम में कांसुलेट को फिर से खोलेंगे। हालांकि उन्होंने इसे खोलने के लिए कोई निश्चित तारीख नहीं बताई बल्कि कहा कि पहले यरुशलम में काउंसिल जनरल के तौर पर तैनात रह चुके अमेरिकी राजनयिक माइकल रैटने को जल्द ही यहां वापसी होगी। उन्होंने यह भी भरोसा दिलाया किसी भी स्तर पर हमास को मदद नहीं दी जाएगी जोकि एक आतंकी संगठन है और इजरायल के अस्तित्व के खिलाफ है।