फरीदाबाद के एनआइटी-1 मार्केट में कार में सवार युवक-युवती की गोली मारकर की हत्या मामले की जांच अब सीआईए डीएलएफ को सौंप दी गई है। पुलिस आयुक्त ओपी सिंह के आदेश पर गुरुवार को सीआईए को जांच सौंपे जाने के तुरंत बाद छापेमारी के लिए अलग-अलग दो टीमें बनाई गईं, जो हत्याकांड को अंजाम देने वालों का सुराग लगाकर उनकी धरपकड़ का प्रयास करती रहीं।
साइबर तकनीक से हत्यारोपियों की तलाश जारी
सीआईए डीएलएफ को जांच सौंपे जाने के बाद प्रभारी अनिल कुमार के नेतृत्व में टीमें दिन भर छापेमारी करती रहीं। इसे लेकर पुलिस की एक टीम ने दिल्ली के कई ठिकानों पर जाकर छापेमारी की, लेकिन पुलिस को कोई कामयाबी नहीं मिल सकी है। सूत्रों की मानें तो पुलिस इस मामले में हत्यारोपियों के मोबाइल नंबर के आधार पर उनके ठिकानों के बारे में पता लगा रही है।
मालूम हो कि एनआईटी नंबर एक बाजार में एक साजिश के तहत एक युवक ने अपने दोस्तों के साथ मिलकर मंगलवार रात युवक-युवती की कार में गोली मारकर हत्या कर दी थी। खून से लथपथ दोनों को कोतवाली थाना पुलिस ने बीके अस्पताल में भर्ती कराया था, जहां डॉक्टरों ने दोनों को मृत घोषित कर दिया था। पुलिस ने बुधवार को दोनों के शव पोस्टमॉर्टम के बाद उनके परिजनों को सौंप दिए। उधर, दूसरी ओर कोतवाली थाना पुलिस ने युवती के पिता की शिकायत पर हत्या का मामला दर्ज कर हत्यारोपियों की तलाश शुरू कर दी।
दोस्त पर है हत्या का शक
एनआईटी-दो निवासी युवती पलवल के एक स्कूल में पढ़ाती थी, जबकि युवक ईएसआई अस्पताल के पास स्थित एक जिम में ट्रेनर था। युवती कुछ समय पहले मृतक लोकेश उर्फ गोल्डी के यहां जिम करती थी, लेकिन दो महीने पहले उसने यहां से जिम छोड़ दिया। पुलिस की प्राथमिक जांच में यह बात सामने आई है कि युवती की एनआईटी में रहने वाले एक युवक के साथ पुरानी दोस्ती थी। उस युवक को पता चला कि युवती जिम ट्रेनर लोकेश उर्फ गोल्डी के साथ बातचीत करती है। उस युवक को यह अच्छा नहीं लगा। पुलिस का अनुमान है कि इसी गुस्से में उसने दोनों की हत्या की। दोस्ती टूटने को लेकर उसने वारदात को अंजाम देने से पहले लोकेश और युवती को बहाने से बातचीत के लिए एक नंबर बुलाया था, जहां उसने दोनों की हत्या कर दी।