युवती से दुष्कर्म की कोशिश और उस पर जानलेवा हमला करने वाले आरोपितों को बचाने के आरोप में चौकी इंचार्ज को निलंबित कर दिया गया है। एसपी संजीव सुमन ने इस मामले में कार्रवाई करते हुए यह फैसला लिया है।
लखीमपुर, युवती से दुष्कर्म के प्रयास और उस पर जानलेवा हमला करने वाले आरोपितों को बचाने वाला चौकी इंचार्ज निलंबित कर दिया गया है। एसपी संजीव सुमन ने इस मामले में कार्रवाई करते हुए चौकी को सस्पेंड कर दिया है। उस पर आरोप लगा है कि उन्होंने क्षेत्र की एक युवती से दुष्कर्म का प्रयास और जानलेवा हमला करने वाले आरोपितों को बचाने का काम किया। वहीं दूसरी ओर इस मामले में आरोपित दोनों युवकों को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है।
एसपी संजीव सुमन ने इस मामले में कार्रवाई करते हुए बिजुआ चौकी प्रभारी सुनील कुमार को सस्पेंड कर दिया है। सुनील कुमार पर आरोप लगाया गया है कि उन्होंने क्षेत्र की एक युवती से दुष्कर्म का प्रयास और जानलेवा हमला करने वाले आरोपितों को बचाने का काम किया और पीड़ित पक्ष पर सुलह समझौते का दबाव बनाया था। युवती की शुक्रवार को इलाज के अभाव में मौत हो जाने के बाद यह मामला फिर से इंटरनेट मीडिया पर तेजी से वायरल हुआ। जिस पर एसपी ने संज्ञान लेते हुए यह कार्रवाई की है।
एसपी ने बताया कि इस मामले में परिवारीजनों का कहना है चौकी प्रभारी ने उनके द्वारा दी गई तहरीर में सही धाराएं नहीं लगाई और उन पर सुलह समझौते का दबाव बनाते रहे। इसके बाद चौकी प्रभारी बिजुआ सुनील कुमार को निलंबित कर दिया गया है । साथ ही पूरे मामले की जांच अपर पुलिस अधीक्षक अरुण कुमार सिंह को सौंप दी गई है। एसपी ने बताया कि इस मामले के दोनों आरोपितों को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है।
भीरा के एक गांव में दो युवकों ने युवती को घर में अकेला पाकर उसके साथ घर में घुसकर दुष्कर्म करने का प्रयास किया। अपनी इज्जत बचाने के लिए युवती ने युवकों पर ईंट से प्रहार कर दिया। जिसमें एक युवक घायल हो गया। घायल होते ही हमलावर युवकों ने युवती पर हंसिया से प्रहार कर दिया, जिसमें युवती गंभीर रूप से घायल हो गई और युवक मौके से फरार हो गए।
परिवारजन ने पुलिस को इसकी सूचना दी। पुलिस ने मामूली मारपीट का मुकदमा दर्ज करते हुए घटना की इतिश्री कर ली थी। घायल युवती को परिवारजन जिला अस्पताल लखीमपुर ले गए, वहां युवती की हालत नाजुक होने पर लखीमपुर के निजी चिकित्सालय में भर्ती कराया गया। जहां उसका इलाज दो दिन चला लेकिन, आर्थिक स्थिति मजबूत न होने के कारण परिवारजन उसे घर वापस ले आए।
शुक्रवार को उसकी हालत दोबारा नाजुक होने पर परिवारजन उसे लखीमपुर ले ही जा रहे थे लेकिन, आंधी और बारिश में यातायात के बंद होने के कारण उसे वापस बिजुआ सीएचसी ले आए। यहां हालत में सुधार होने पर उसे घर लेकर पहुंचे ही थे कि कुछ देर बाद युवती ने दम तोड़ दिया। हैरत की बात यह है कि पुलिस मामले को आत्महत्या का मामला बताकर आरोपितों को बचाने के प्रयास कर रही थी।