यूक्रेन से लौटकर रक्षा ने बताई खास बातें, कहा-भारतीय दूतावास ने न‍िभाई अहम भूमिका

यूक्रेन से लौटकर भारत आईं रक्षा बताती है कि 2014 से ही रूस और यूक्रेन के बीच तनाव की स्थिति बनी हुई थी लेकिन स्थानीय लोगों का मानना था कि यह एक विवाद ही रहेगा।

 

लखनऊ, सोवियत संघ यूएसएसआर के विघटन के बाद से ही रूस यूक्रेन, क्रीमिया, बेलारूस जैसे देशों पर अपना प्रभुत्व बनाए रखना चाहता था। यूं तो यूक्रेन रूस के समर्थन में ही रहा लेकिन 2014 में क्रीमिया पर हमले के बाद यूक्रेन के लोगों में रूस के लिए असमंजस की स्थिति पैदा हो गई। 2014 से रूस और यूक्रेन के बीच चल रहे विवाद ने अब रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के द्वारा गुरुवार को युद्ध की घोषणा के बाद विकराल रूप ले लिया है। ऐसे में भारत से यूक्रेन में पढ़ने के लिए गए हुए छात्र वतन वापसी करने लगे हैं। ऐसी ही यूक्रेन में पढ़ने वाली लखनऊ की एक छात्रा रक्षा सचान 23 फरवरी को वापस वतन आ चुकी हैं। उन्होंने जागरण संवाददाता से अपने अनुभवों को साझा किया है।

रक्षा यूक्रेन के लवीव शहर में रहकर चिकित्सा के पढ़ाई कर रही थी। वह बताती है कि 2014 से ही रूस और यूक्रेन के बीच तनाव की स्थिति बनी हुई थी लेकिन स्थानीय लोगों का मानना था कि यह एक विवाद ही रहेगा। वह इसे युद्ध के स्तर तक जाता हुआ नहीं मानते थे लेकिन पिछले कुछ दिनों से यह तनाव काफी बढ़ चुका है जिसकी वजह से वहां के छात्र-छात्राओं में डर बना हुआ था। रक्षा बताती हैं कि वहां के स्थानीय शिक्षकों द्वारा लगातार इन लोगों को सांत्वना दी जाती थी कि जल्दी सब कुछ ठीक हो जाएगा लेकिन अंतिम समय में स्थानीय शिक्षक छात्रों की बातों को टालने लगे थे ताकि छात्रों में डर और असुरक्षा का भावना न फैले। वह उन्हें लगातार पढ़ाई पर ध्यान केंद्रित करने का सुझाव देते रहते थे। तनाव बढ़ता देख यूक्रेन के प्रशासन ने विदेशी छात्रों को वापसी की चेतावनी जारी कर दी थी और उनकी मदद के लिए स्थानीय शिक्षक और प्रशासन ने भी भारतीय दूतावास की हेल्पलाइन नंबर उपलब्ध कराए।

छात्रों को यूक्रेन से निकालने में भारतीय दूतावास ने अहम भूमिका निभाई। रक्षा ने बताया कि समय रहते उन्होंने यूक्रेन में रह रहे सभी छात्रों और भारतीय नागरिकों को वापसी की चेतावनी दे दी थी। दूतावास के अधिकारियों ने हेल्पलाइन नम्बर की मदद से छात्रों और नागरिकों से संपर्क साधा। तनाव बढ़ने के बाद वायु सेवा कंपनियों ने अपनी फ्लाइट्स को रद्द करना शुरू कर दिया था जिससे छात्रों और नागरिकों को वतन वापस आने के लिए साधन नहीं मिल पा रहे थे। ऐसे में दूतावास ने छात्रों और नागरिकों के लिए एयर इंडिया की कुछ फ्लाइट्स भी उपल्ब्ध कराई ताकि वह सकुशल वतन वापस आ सके।

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