यूपी के कानपुर में मतांतरण मामले में पुलिस ने एक पास्टर को गिरफ्तार किया है। उसके पास से पुलिस को कई संदिग्ध कागजात भी मिले हैं। वहीं विदेशी फंडिंग की बात भी सामने आई है। पुलिस कई बिंदुओं पर इस मामले में जांच कर रही है।
घाटमपुर, गरीबों को प्रलोभन देकर मतांतरण करने के आरोपित एक पास्टर को पुलिस ने जवाहर नगर पूर्वी मोहल्ला स्थित एक चर्च से गिरफ्तार किया है। पास्टर के पास से किताबें, फंडिंग से जुड़े दस्तावेज, स्कूल से जुड़े सर्टिफिकेट और कागजात बरामद किए हैं। पुलिस मामले में जांच कर रही है।बजरंग दल के जिला संयोजक शुभम शौर्य अग्निहोत्री ने बीते साल नवंबर में जवाहर नगर पूर्वी स्थित एफएमपीबी चर्च में अवैध गतिविधियों की पुलिस से शिकायत की थी।
गैर कानूनी तरीके से लालच देकर कराया जाता है मतांतरणआरोप लगाया था कि चर्च अवैध है और यहां गैर कानूनी तरीके से लालच देकर मतांतरण कराया जाता है। उनके एक कार्यकर्ता ईशू अवस्थी को जब लालच देकर ईसाई बनने का आफर दिया गया तो इसका पता चला। मामले में तब पास्टर प्रकाश सोनारे, गीता सोनारे, जगराम सिंह और राजेश संखवार पर रिपोर्ट दर्ज कराई गई थी। बुधवार को उसी बंद चर्च में फिर से गतिविधि होने की खबर मिली। पुलिस ने छापा मारा तो अंदर पास्टर अनिल मसीह मिला। तुरंत उसे गिरफ्तार कर लिया गया।
गिरफ्तार आरोपित पास्टर को मिलता था मतांतरण का लक्ष्यचर्च में बने कमरे में इसाई धर्म से जुड़ी बच्चों के लिए किताबें, रजिस्टर, सर्टिफिकेट व अन्य कागजात मिले हैं। कागजों से पता चला है कि मतांतरण का लक्ष्य मिलता था। पता चला कि इन किताबों से जूनियर से लेकर कालेज तक के बच्चों को इसाई धर्म के बारे में पढ़ाया जाता था। इसके साथ ही बाहर से आने वाले फंडिंग और उसके खर्च के बारे में भी पता चला है। पुलिस की जांच में यह पता चला है कि गिरफ्तार लोगों के तार तमिलनाडु से जुड़े हैं। पुलिस अभी यह देख रही है कि मतांतरण के लिए कितना रुपया और किन खातों में आ रहा था। इंस्पेक्टर रामबाबू सिंह ने बताया कि फंडिंग को लेकर देखा जा रहा है कि कहीं ये विदेश से तो नहीं आ रही है। मामले में पूरी तरह से जांच की जा रही है।
खुद भी आओ चर्च और 10 साथी को लेकर आओछापी गई किताबों में पहली बात यही लिखी है कि 10 दिन तक चर्च जाना है और अपने साथियों को भी लेकर जाना है। 10 दिन के कोर्स की किताब के अंत में सवाल पूछे गए हैं कि क्या वे अब यीशू के लिए जियेंगे कि नहीं। किताबों में बच्चों को कई तरह के गेम्स के जरिए ईसाई धर्म के बारे में जानकारी दी गई है। किताब में कि परमेश्वर को छोड़ किसी और को ईश्वर न मानने, मूर्ति न बनाने के लिए भी कहा गया है।