उत्तर प्रदेश मदरसा शिक्षा बोर्ड की 24 मार्च 2022 को बैठक में लिए गए निर्णय के अनुरूप नए शिक्षण सत्र से सभी मदरसों में प्रार्थना के समय राष्ट्रगान अनिवार्य कर दिया गया है। कहा गया है कि मदरसों में अब सुबह दुआ के साथ राष्ट्रगान गाना अनिवार्य होगा।
लखनऊ, उत्तर प्रदेश के सभी मदरसों में गुरुवार से प्रतिदिन राष्ट्रगान का गायन अनिवार्य कर दिया गया है। उत्तर प्रदेश मदरसा शिक्षा बोर्ड के रजिस्ट्रार एसएन पांडेय ने नौ मई को सभी जिला अल्पसंख्यक कल्याण अधिकारियों को इस बारे में आदेश जारी किया था। रमजान माह के दौरान मदरसों में 30 मार्च से 11 मई तक अवकाश घोषित था और 12 मई से नियमित कक्षाएं शुरू हुईं लिहाजा यह आदेश गुरुवार से लागू हो गया है।
उत्तर प्रदेश मदरसा शिक्षा बोर्ड के रजिस्ट्रार एसएन पांडेय ने आदेश में कहा है कि पिछली 24 मार्च को बोर्ड की बैठक में लिए गए निर्णय के अनुरूप नए शिक्षण सत्र से सभी मदरसों में प्रार्थना के समय राष्ट्रगान अनिवार्य कर दिया गया है। उन्होंने सभी अल्पसंख्यक कल्याण अधिकारियों को पत्र भेजकर कहा है कि प्रत्येक मदरसे में सुबह कक्षा शुरू होने से पूर्व दुआ के साथ राष्ट्रगान गाना अनिवार्य होगा।
योगी आदित्यनाथ सरकार द्वारा मदरसों में सुधार के लिए चलाए जा रहे अभियान के तहत उत्तर प्रदेश मदरसा शिक्षा परिषद के अध्यक्ष डा. इफ्तिखार अहमद जावेद की अध्यक्षता में 24 मार्च को महत्वपूर्ण बैठक हुई थी। जिसमें कई अहम निर्णय लिए गए थे। इसी बैठक में प्रतिदिन राष्ट्रगान का गायन अनिवार्य करने का भी निर्णय लिया गया था। इस संबंध में सभी जिला अल्पसंख्यक कल्याण अधिकारियों को इस बारे में आदेश जारी किया था।
आदेश में कहा गया है कि राज्य के सभी मान्यता प्राप्त अनुदानित और गैर अनुदानित मदरसों में आगामी शिक्षण सत्र से कक्षाएं शुरू होने से पहले अन्य दुआओं के साथ समवेत स्वर में शिक्षकों और छात्र-छात्राओं को राष्ट्रगान का गायन अनिवार्य रूप से करना होगा। जिला अल्पसंख्यक कल्याण अधिकारियों को इस आदेश का पालन सुनिश्चित कराने के लिए नियमित रूप से निगरानी करनी होगी।
उत्तर प्रदेश के अल्पसंख्यक कल्याण मंत्री धर्मपाल सिंह ने पिछले महीने मदरसों में राष्ट्रवाद की शिक्षा देने पर जोर दिया था। विभागीय राज्यमंत्री दानिश आजाद अंसारी ने भी कहा था कि उत्तर प्रदेश सरकार चाहती है कि मदरसे के छात्र देशभक्ति की भावना से ओतप्रोत हों। उत्तर प्रदेश में इस वक्त कुल 16461 मदरसे हैं, जिनमें से 560 को सरकार से अनुदान प्राप्त होता है।