यूपी में कांग्रेस और सपा को बड़ा झटका, विधायक नरेश सैनी और हरिओम यादव भाजपा में शामिल

योगी सरकार में मंत्री रहे स्वामी प्रसाद मौर्य द्वारा भाजपा छोड़े जाने के बाद पार्टी डैमेज कंट्रोल में जुट गई है। दिल्ली में जमे केंद्रीय और प्रदेश नेतृत्व ने न सिर्फ अपने पाले को मजबूत करने का प्रयास किया बल्कि विपक्षी खेमे में भी सेंध तेज कर दी।

 

लखनऊ । योगी सरकार में मंत्री रहे स्वामी प्रसाद मौर्य द्वारा भाजपा छोड़े जाने के बाद पार्टी डैमेज कंट्रोल में जुड़ गई है। दिल्ली में जमे केंद्रीय और प्रदेश नेतृत्व ने न सिर्फ अपने पाले को मजबूत करने का प्रयास किया, बल्कि विपक्षी खेमे में भी सेंध तेज कर दी है। इससे विपक्षी खेमे में खलबली मच गई है। इसका असर ये हुआ कि मुलायम परिवार के बेहद करीबी कहे जाने वाले सिरसागंज विधायक हरिओम यादव और सहारनपुर की बेहट विधानसभा सीट से विधायक नरेश सैनी ने दिल्ली में भाजपा की सदस्यता ले ली। इसी तरह हाल ही में सपा में शामिल होने वाले आगरा की एत्मादपुर सीट से बसपा के पूर्व विधायक डा. धर्मपाल सिंह भी भाजपा में शामिल हो गए।

वहीं इमरान मसूद के सपा में जाने से बदली सियासत के चलते कांग्रेस से बेहट विधायक नरेश सैनी ने भाजपा का दामन थाम लिया है। कांग्रेस के दोनों विधायक टूट जाने से प्रियंका गांधी की चिंता भी बढ़ गई है। इससे पहले रायबरेली से कांग्रेस विधायक अदिति सिंह ने भी भाजपा ज्वाइन कर लिया था। सिरसागंज से सपा विधायक हरिओम यादव भी बीजेपी में शामिल हो गए हैं। अभी दो दिन पहले ही कांग्रेस नेता इमरान मसूद और सहारनपुर देहात सीट से कांग्रेस विधायक मसूद अख्तर सपा में शामिल हो गए थे। इसके बाद बुधवार को बेहट सीट से कांग्रेस के विधायक नरेश सैनी भाजपा में शामिल हो गए। नरेश सैनी ने लखनऊ में भाजपा प्रदेश अध्यक्ष स्‍वतंत्र देव स‍िंंह और उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य की मौजूदगी में भाजपा की सदस्यता ग्रहण की। सहारनपुर में कांग्रेस के दो विधायक थे और दो दिन के अंतराल में एक सपा और दूसरे भाजपा में शामिल हो गए। इससे कांग्रेस को बड़ा झटका लगा है।

सपा के गढ़ में भाजपा ने लगाई सेंधः फिरोजाबाद में सपा का गढ़ माने जाने वाले सिरसागंज विधानसभा क्षेत्र में भाजपा ने सेंध लगा दी है। कई दिनों से चल रही कवायद के बाद सपा से निष्कासित चल रहे विधायक हरिओम यादव ने बुधवार को भाजपा की सदस्यता ग्रहण कर ली। 2012 में गठित सिरसागंज विधानसभा सीट को सपा का गढ़ माना जाता रहा है। यादव बाहुल्य क्षेत्र में 2012 और 2017 में सपा के हरिओम यादव ने जीत हासिल की थी। 2017 में भाजपा की सरकार बनने के बाद जिला पंचायत में अविश्वास प्रस्ताव को लेकर उनकी सपा नेतृत्व से रार शुरू हुई। हरिओम और उनके पुत्र पूर्व जिला पंचायत अध्यक्ष विजय प्रताप को सपा से निष्कासित कर दिया गया। फिर हरिओम यादव खुलकर शिवपाल यादव के साथ चले गए और सपा के प्रमुख राष्ट्रीय महासचिव प्रो राम गोपाल यादव के खिलाफ मोर्चा खोल दिया। प्रो यादव से चल रही अदावत उनके बेटे अक्षय यादव के लोकसभा चुनाव में हार के बाद और गहरी हो गई। जिला पंचायत के चुनाव में भाजपा ने हरिओम यादव को अपने पाले में लेकर अध्यक्ष का चुनाव जीत लिया।

शिवपाल की ओर से जवाब न मिलने पर हुए भाजपाईः प्रसपा प्रमुख शिवपाल सिंह के सपा से गठबंधन के बाद हरिओम यादव को सपा में वापसी की उम्मीद नजर आने लगी थी। मगर प्रो रामगोपाल यादव हरिओम की वापसी को तैयार नहीं थे। शिवपाल की ओर से कोई सकारात्मक जवाब न आने पर हरिओम ने भाजपा में जाने का फैसला ले लिया।

मुलायम सिंह से रिश्ताः हरिओम यादव के सगे भाई राम प्रकाश नेहरू की बेटी की शादी सैफई परिवार में हुई है। मैनपुरी के पूर्व सांसद तेजप्रताप के हरिओम नाना लगते हैं। सिरसागंज में ठाकुर वोट भी अच्छी संख्या में हैं। पिछली बार पूर्व मंत्री ठाकुर जयवीर सिंह भाजपा प्रत्याशी थे और हरिओम ने उन्हें हराया था। अब दोनों एक ही दल में हैं।

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