यूपी में तड़पकर मर रहे हैं लोग…फोन नहीं उठा रहे अफसर, अखिलेश ने पूछा-कार्रवाई क्‍यों नहीं करते सीएम योगी,

सपा प्रमुख ने आरोप लगाया कि भाजपा का आपदा को अवसर में बदलने का काम धड़ल्ले से हो रहा है। निजी अस्पतालों में महंगी दरों पर भर्ती हो रही है। आक्सीजन की कमी है। सरकार ने जरूरतमंदों को भी सीधे बिक्री पर रोक लगा कर संकट और बढ़ावा दिया है।

 

लखनऊ,  मुख्यमंत्री लापरवाह अधिकारियों के साथ कड़ाई के रोज ही बयान देते हैं, लेकिन राजधानी में ही कोविड कंट्रोल रूम में बैठे अफसर न फोन उठा रहे हैं और न ही मिल रहे हैं। परेशान लोगों की गुहार सुनने वाला कोई नहीं। शुक्रवार को यह आरोप समाजवादी पार्टी अध्यक्ष अखिलेश यादव ने लगाया। उन्होंने कहा कि महामारी के दौर में भाजपा सरकार का कोई भी तंत्र-मंत्र काम नहीं कर रहा हैं। लोग तड़प कर मर रहे हैं। इस अमानवीय स्थिति में भी दवाओं, आक्सीजन, वेंटीलेटर और बेड़ आपूर्ति के बहाने कुछ लोग कालाबाजारी में जुट गए हैं, प्रशासन मूकदर्शक बना है। स्वास्थ्य सिस्टम ध्वस्त है। अव्यवस्था के लिए भाजपा सरकार ही पाप की भागी है।

सपा प्रमुख ने आरोप लगाया कि भाजपा का आपदा को अवसर में बदलने का काम धड़ल्ले से हो रहा है। निजी अस्पतालों में महंगी दरों पर भर्ती हो रही है। आक्सीजन की? भारी कमी है। सरकार ने जरूरतमंदों को भी सीधे बिक्री पर रोक लगा कर संकट को और बढ़ावा दिया है। आवश्यक दवाएं और इंजेक्शन अस्पतालों में नहीं हैं, पर चोरबाजार में हर चीज उपलब्ध है। यादव ने सवाल किया कि आक्सीजन के अभाव, भर्ती न हो पाने से जो मर गए उनकी अस्वाभाविक मौत के लिए किसी डीएम या एसपी पर मुख्यमंत्री ने कार्रवाई क्यों नहीं की? दिखावे के लिए बहाना ढूंढ़ा जाता है। भाजपा जिस अमानवीय चरित्र का परिचय दे रही है, जनता उसे कभी माफ नहीं कर सकती है।

अपने घरों में इलाज कराने वालों को मौत के मुंह में धकेला : राष्ट्रीय लोकदल के राष्ट्रीय सचिव अनिल दुबे ने आरोप लगाया कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ द्वारा प्रदेश में आक्सीजन की कमी दूर करने के लिए केवल अस्पतालों में आक्सीजन आपूर्ति करने के आदेश देकर घरों में अपना इलाज कराने वालों को मौत के मुंह में धकेल दिया है। उन्हाेंने कहा कि अस्पतालों में जगह नहीं है और घर में इलाज कराने वालों को सिलेंडर नहीं मिलेगा तोे चौतरफा हाहाकार बढ़ेगा।

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