यूपी में दिव्यांगों को शादी करने पर मिलेंगे 35 हजार रुपये प्रोत्साहन राश‍ि, जान‍िए क्‍या है पूरी योजना,

दिव्यांगजन सशक्तीकरण विभाग ओर से अधिक से अधिक दिव्यांगों को रोजगार देने की मंशा के सापेक्ष प्रधानमंत्री कौशल विकास विभाग ने भी कमर कस ली है। प्रशिक्षण संस्थानों को अनिवार्य रूप से 70 फीसद दिव्यांगों को नौकरी दिलाने के लिए निर्देशित किया गया है।

 

लखनऊ, दिव्यांगों से शादी करने या दंपति के दिव्यांग होने पर सरकार की ओर से प्रोत्साहन राशि दी जाएगी। इसके लिए दिव्यांगों को आनलाइन आवेदन करना पड़ेगा। दिव्यांगजन सशक्तीकरण विभाग की संचालित शादी-विवाह प्रोत्साहन पुरस्कार योजना के तहत दिव्यांगजन को राशि देने का प्रावधान किया गया है। योजदिव्यांगजन सशक्तीकरण विभाग ना के तहत पुरुष के दिव्यांग होने पर प्रोत्साहन पुरस्कार 15 हजार एवं महिला के दिव्यांग होने पर 20 हजार रुपये दिए जाएंगे। दोनों के दिव्यांग होने पर 35 हजार रुपये मिलेंगे। लाभार्थी दिव्यांगता प्रमाण पत्र, विवाह पंजीकरण प्रमाण पत्र, आधार कार्ड के साथ वेबसाइट यूपीएसडीसी.जीओवी.इन पर आनलाइन आवेदन कर सकते हैं।

कोरोना संक्रमण काल में आत्मनिर्भर भारत योजना के तहत सभी दिव्यांगों के राशन कार्ड बनाए जा रहे हैं। नए दिव्यांगों के पंजीयन के साथ ही लखनऊ में पंजीकृत सभी 18 हजार से अधिक दिव्यांगों को पेंशन के साथ ही स्वरोजगार से जोड़ा जाएगा। सभी को 500 रुपये मासिक पेंशन दी जा रही है।

मिलेंगे नौकरी के अधिक अवसर

दिव्यांगजन सशक्तीकरण विभाग ओर से अधिक से अधिक दिव्यांगों को रोजगार देने की मंशा के सापेक्ष प्रधानमंत्री कौशल विकास विभाग ने भी कमर कस ली है। प्रशिक्षण संस्थानों को अनिवार्य रूप से 70 फीसद दिव्यांगों को नौकरी दिलाने के लिए निर्देशित किया गया है। इस निर्णय से उन्हें नौकरी के अधिक अवसर मिलेंगे।

लखनऊ में दिव्यांगों की जिम्मेदारी निभा रहे सौभाग्य फाउंडेशन की ओर से मूक बधिरों को नौकरी के अधिक अवसर दिए जाएंगे। फाउंडेशन के प्रबंधक अमित मेहरोत्रा ने बताया कि रोजगार के लिए कई निजी संस्थानों से संपर्क किया गया है।

‘लखनऊ में पंजीकृत 18 हजार दिव्यांगों के आत्मनिर्भर भारत योजना के तहत राशन कार्ड बनवाए जा रहे हंै। स्वरोजगार के लिए 10 हजार रुपये की मदद भी मिलेगी। राशन कार्ड बनवाने के साथ ही उन्हें शादी प्रोत्साहन राशि भी दिलाई जाएगी। इसके लिए विभाग की वेबसाइट पर आनलाइन आवेदन करना होगा।    – केके वर्मा, जिला दिव्यांगजन सशक्तीकरण अधिकारी 

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