कानपुर शहर में प्रदूषण को लेकर नेहरु नगर के हालात नोएडा जैसे हो गए हैं। शहर के व्यस्ततम क्षेत्रों में सबसे ज्यादा खराब स्थिति है। दोपहर में भी धुंध की चादर बनी है और आंखों में जलन और सांस लेने में दिक्कत होने लगी है।
कानपुर, शहर में प्रदूषण की स्थिति दिन प्रतिदिन घातक होती जा रही है। शुक्रवार को हवा की सबसे खराब स्थिति नेहरू नगर में रही। यहां वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआइ) 454 तक पहुंच गया, जो गंभीर स्थिति को दर्शाता है। देश के सबसे प्रदूषित शहरों में शामिल नोएडा में भी इसी के आसपास एक्यूआइ रहा, जिसके बाद वहां 8वीं तक के स्कूलों को बंद करना पड़ा है। कल्याणपुर और किदवईनगर स्थित निगरानी केंद्रों पर भी क्रमश: एक्यूआइ 337 और 329 दर्ज किया गया।
कानपुर शहर का औसत एक्यूआइ 368 रहा, जो हवा की बहुत खराब स्थिति को दर्शाता है। इससे लोगों को आंखों में जलन और सांस लेने में दिक्कत महसूस हुई। प्रदूषण के चादर में लिपटी दोपहर में भी धुंध छाई रही। कई लोग मास्क और फेस शील्ड पहनकर बाहर निकले।
बढ़ते प्रदूषण के चलते शहर गैस चैंबर में तब्दील होता जा रहा है। गुरुवार से हवा की स्थिति तेजी से बिगड़नी शुरू हुई और शुक्रवार सुबह से ही यह गंभीर स्थिति में पहुंच गई। आसपास पीरोड, गुमटी, रामबाग, हर्षनगर जैसे व्यस्ततम बाजार होने की वजह से यहां वाहनों का आवागमन सबसे ज्यादा होता है।
टूटी सड़कों से धूल उड़ती रहती है तो कई जगह खुले में लोग कूड़ा जला देते हैं। इसकी वजह से हवा विषैली हो रही है। किदवईनगर और कल्याणपुर में क्षेत्र अपेक्षाकृत ज्यादा घने नहीं हैं, इसकी वजह से यहां प्रदूषण का स्तर थोड़ा नियंत्रित है। हालांकि सुबह और शाम को यातायात दबाव के दौरान यहां भी प्रदूषण का स्तर बढ़ जाता है।
प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड की टीमें लगातार निगरानी कर रही हैं। खुले में कूड़ा जलाने से रोका भी गया है। अब सड़कों की मरम्मत शुरू हुई है, जल्द ही प्रदूषण के स्तर में गिरावट आएगी। -अमित मिश्र, क्षेत्रीय अधिकारी, उत्तर प्रदेश प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड।