लर्नर लाइसेंस एक ऐसा महत्वपूर्ण कार्य है जिसके लिए आरटीओ कार्यालय में बहुत मारामारी होती है। स्थाई डीएल समेत गिनी-चुनी सेवाओं को छोड़ दिया जाए तो लगभग सभी अहम सेवाएं आसानी से बिना संभागीय परिवहन कार्यालय गए पाई जा सकेंगी।
लखनऊ, परिवहन विभाग जल्द ही अपनी सभी सेवाओं को आधार से लिंक कर देगा। इसके लिए एनआईसी (नेशनल इंफार्मेटिक्स सेंटर) तैयार हो गया है। लंबे समय से चल रहा ट्रायल पूरा हो चुका है। चुनाव बाद इसे शुरू दिया जाएगा। इसका लाभ यह होगा लोगों को सिर्फ अपनी प्रमाणिकता साबित करने के लिए फोटो खिंचाने और इलेक्ट्रानिक डाटा बेस पर हस्ताक्षर करने को आरटीओ कार्यालय के चक्कर नहीं लगाने पड़ेंगे। अभी तक लर्नर लाइसेंस और डीलर प्वाइंट रजिस्ट्रेशन प्रक्रिया आधार कार्ड से जुड़ी है। करीब 16 सेवाएं बहुत जल्द और जुड़ जाएंगी। आरटीओ में डीएल और वाहन से संबंधित करीब 25 तरह के काम होते हैं। व्यवस्था लागू होने के बाद कुल 18 काम बिना आरटीओ जाए हो सकेंगे।
आधार से संबद्ध होते ही ये काम होंगे आसान
- डीएल संबंधी छह काम पूरे होंगे
- डीएल नवीनीकरण में टेस्ट न होने के कारण घर बैठे डीएल का नवीनीकरण होनेा
- डुप्लीकेट डीएल
- अंतर्राष्ट्रीय ड्राइविंग लाइसेंस परमिट
- डीएल में पता परिवर्तन
- डीएल में किसी वाहन को जोड़ना
- नए वाहनों का पंजीयन कराना
- बॉडी निर्मित वाहनों का रजिस्ट्रेशन
- डुप्लीकेट रजिस्ट्रेशन प्रमाण पत्र
- वाहनों की एनओसी
- गाड़ी स्थानांतरित करने की अनुमति
- वाहन का ट्रांसफर
- पंजीयन प्रमाण पत्र में पता परिवर्तन
- ड्राइविंग ट्रेनिंग स्कूल खोलने की ऑनलाइन अनुमति
- राजनायिक अधिकारी के वाहन पंजीकरण
- राजनायिक अधिकारी के वाहनों को नया पंजीयन चिन्ह
- किराये पर गाड़ी अनुबंध पर अनुमति
- किराये पर गाड़ी अनुबंध की समाप्ति
विभाग की कार्यशैली में पारदर्शिता लाने और लोगों की दिक्कतें कम हों, इसे लेकर विभाग लंबे समय से कवायद कर रहा है। ट्रायल हो चुका है। परिवहन आयुक्त ने आधार से जोड़ने के लिए एनआईसी से कह दिया है। तैयारियां पूरी हो चुकी हैं। चुनाव बाद इस योजना को भी लागू कर दिया जाएगा। इससे लोगों के बहुत से कार्य घर बैठे हो जाएंगे।
देवेंद्र कुमार त्रिपाठी, अपर परिवहन आयुक्त