यूपी में 80 हजार राशन कोटे की दुकानें जनसेवा केंद्र के रूप में करेंगी कार्य, गोरखपुर में मुख्‍यमंत्री योगी ने क‍िया योजना का शुभारंभ

योगी आद‍ित्‍यनाथ सरकार अपने दूसरे कार्यकाल में व‍िकास के पथ पर अग्रसर है। राज्‍य सरकार और सीएससी ई-गवर्नेंस सर्विस इंडिया लिमिटेड के बीच एमओयू साइन क‍िया गया। ज‍िससे अब प्रदेश की 80 हजार राशन कोटे की दुकानें कामन सर्व‍िस सेंटर के रूप में कार्य करेंगी।

 

गोरखपुर । मुख्‍यमंत्री योगी आद‍ित्‍यनाथ ने राज्य सरकार एवं सीएससी ई-गवर्नेंस सर्विस इंडिया लि. के मध्य एमओयू और उचित दर विक्रेताओं के लाभांश में वृद्धि के संबंध में आयोजित कार्यक्रम का शुभारंभ क‍िया। प्रदेश के सभी कोटेदारों को इस कार्यक्रम का भागीदार बनाने के लिए पूरे प्रदेश में इसका सीधा प्रसारण भी किया गया।

मुख्‍यमंत्री ने कहा क‍ि डबल इंजन सरकार में राशन कोटे की दुकानों पर जनता को अब स्‍टांप ब‍िक्री, बैंक‍िंग सेवा, आया प्रमाण पत्र, जात‍ि प्रमाण पत्र की सुव‍िधा म‍िलेगी। मुख्‍यमंत्री ने कहा देश में यूपी अकेला ऐसा राज्‍य है जहां राशन व‍ितरण की व्‍यवस्‍था सुचारु रूप से चल रही है। कई राशन कार्ड धारक ऐसे हैं जो दूसरे राज्‍य में रहते हैं और प्रदेश में राशन प्राप्‍त करते हैं।

सीएम योगी ने कहा पहले कोटेदारों को लाभांश के रूप में 70 रुपये प्रति क्विंटल का भुगतान किया जाता था अब इसे बढ़ाकर 90 रुपये कर द‍िया गया है। मुख्‍यमंत्री ने कहा कभी तकनीक बढ़ाने का कुछ कोटेदारों ने व‍िरोध क‍िया था पर आज वो सरकार के साथ इसी तकनीक से जुड़े हैं और व‍िकास की ओर अग्रसर हैं।

उत्तर प्रदेश की करीब 80 हजार कोटे की दुकानों को लोगों की सुविधा के लिए जनसेवा केंद्र (सीएससी) के रूप में विकसित किया जाएगा। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ गुरुवार को गोरखपुर योगिराज बाबा गंभीरनाथ प्रेक्षागृह में आयोजित कार्यक्रम के जरिए प्रदेश के कोटेदारों को उपहार देंगे। इसके साथ ही सभी कोटेदारों के लाभांश में 20 रुपये प्रति क्विंटल की वृद्धि भी की जाएगी।

खाद्य एवं रसद विभाग और केंद्र सरकार की कामन सर्विस सेंटर अथारिटी के बीच अनुबंध हुआ है। खाद्य एवं रसद विभाग ने राशन की दुकानों को जनसुविधा केंद्र के रूप में भी संचालित करने के लिए इसे अपनी 100 दिवसीय कार्ययोजना में शामिल किया था। प्रदेश में उचित दर की लगभग 80 हजार दुकानों को जनसुविधा केंद्र के रूप में संचालित करने के दो फायदे होंगे।

एक तो यह कि जनसुविधाओं के एवज में नागरिकों की ओर से भुगतान किए जाने वाले शुल्क से कोटेदारों को अतिरिक्त आमदनी हो सकेगी। दूसरा, यह कि लोगों को अपने गांव और आसपास के क्षेत्र में ही जनसुविधा केंद्र सुलभ हो सकेगा। इसके लिए उन्हें दूर जाने की जरूरत नहीं होगी। राशन की दुकानों को जनसुुविधा केंद्र के रूप में संचालित करने के लिए कामन सर्विस सेंटर अथारिटी कोटेदारों का कामन सर्विस सेंटर पोर्टल पर निश्शुल्क पंजीकरण करेगी।

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