यूपी सरकार ने थाने में तैनाती को लेकर किया बड़ा बदलाव, जानें- अब कौन बन सकेगा पुलिस स्टेशन इंचार्ज,

यूपी में दो तिहाई थानों में थानाध्यक्ष के रूप में निरीक्षकों की तैनाती की व्यवस्था को बदला जा रहा है। यदि योग्य व उपयुक्त निरीक्षक उपलब्ध नहीं है तो ऐसी दशा में उपयुक्त उपनिरीक्षक को 50 प्रतिशत तक थानाध्यक्ष के रूप में तैनाती दिए जाने का निर्णय किया गया है।

 

लखनऊ । उत्तर प्रदेश में अब 50 प्रतिशत थानों पर उपनिरीक्षक (सब इंस्पेक्टर) भी प्रभारी (थानाध्यक्ष) बन सकेंगे। इसे लेकर यूपी सरकार ने अहम निर्णय किया है। अभी तक केवल एक तिहाई थानों पर ही उन्हें प्रभारी बनाया जा सकता था। अपर मुख्य सचिव, गृह अवनीश कुमार अवस्थी ने इसे लेकर आदेश जारी किया है। जिलों के एसपी को 50 फीसद थानों में उपनिरीक्षक को भी प्रभारी बनाए जाने की व्यवस्था की कर दी गई है।

अपर मुख्य सचिव, गृह अवनीश कुमार अवस्थी का कहना है कि दो तिहाई थानों में थानाध्यक्ष के रूप में निरीक्षकों की तैनाती की व्यवस्था को बदला जा रहा है। यदि योग्य व उपयुक्त निरीक्षक उपलब्ध नहीं है तो ऐसी दशा में उपयुक्त उपनिरीक्षक को 50 प्रतिशत तक थानाध्यक्ष के रूप में तैनाती दिए जाने का निर्णय किया गया है। शासन के निर्देश पर डीजीपी मुकुल गोयल ने इसे लेकर सभी एसपी को निर्देश जारी कर दिए हैं।

अपर मुख्य सचिव, गृह अवनीश कुमार अवस्थी का कहना है कि जिला पुलिस व राजकीय पुलिस के सभी थानों तथा नवसृजित थानों में कानून व्यवस्था को और अधिक चुस्त-दुरुस्त बनाने के लिए योग्य, कर्मठ, कार्यकुशल व अच्छी सत्यनिष्ठा वाले थानाध्यक्ष ही तैनात किए जाएं। इसे सुनिश्चित करने के लिए शासन ने थानेदार के पद पर निरीक्षक व उपनिरीक्षक की तैनाती को लेकर यह बदलाव का निर्णय किया है।

वर्तमान में किसी जिले में थानाध्यक्षों के कुल पदों में एक तिहाई पद ही उपनिरीक्षकों के हिस्से आ पाते थे। सिविल पुलिस में करीब पांच हजार निरीक्षक व 23 हजार उपनिरीक्षक तैनात हैं। माना जा रहा है कि इस फैसले से युवा उप निरीक्षकों की क्षमता का बेहतर उपयोग हो सकेगा और उन्हें भी महत्वपूर्ण निर्णयों को अमलीजामा पहनाने का अनुभव प्राप्त होगा।

एसपी अपनी जरूरत से करेंगे तैनाती : डीजीपी मुकुल गोयल का कहना है कि यह व्यवस्था चुस्त-दुरुस्त थानेदारों की तैनाती किए जाने को लेकर की गई है। कई बार जिले में अच्छा काम करने वाले योग्य उपनिरीक्षकों को थानाध्यक्ष बनने का मौका नहीं मिल पाता। यह व्यवस्था पूरी तरह एसपी पर निर्भर होगी। वह अपनी आवश्यकता व उपलब्धता के अनुरूप थानेदारों की तैनाती में निरीक्षक व उपनिरीक्षकों को अवसर देंगे।

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